दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि लाभ का पद मामले की कोई सुनवाई नहीं हुई है। उनके अनुसार, 'चुनाव आयोग ने एकतरफा फैसला लिया है। हमें हमारी बात रखने का भी मौका नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने इस सिफारिश को करने से पहले विधायकों की बातें नहीं सुनी है और ना ही गवाही कराई है। हम राष्ट्रपति से समय मांग रहे हैं, विधायक उनसे मिलेंगे और अपनी बात रखेंगे।'
भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए सिसोदिया ने कहा कि सरकार उनके पिछले तीन साल के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से किए गए विकास कार्यों से डर गई है। उनके मुताबिक, 'हमने दिल्ली के लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए काम किया, हमने बिजली के दाम कम किए, हमारी सरकार को तीन साल हुए हैं और इन तीन सालों में हमने बिजली के दाम बढ़ने नहीं दिया। विधायकों ने काम करने के लिए अपनी गाड़ी का इस्तेमाल किया, पानी के दाम हमने कम किए, हमारे ईमानदारी से काम करने की वजह से कुछ बेईमान लोगों की दुकानें बंद हो गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के स्कूलों की स्थिति अच्छी हुई है, फ्लाइओवर्स बनाये गए। यह केवल साजिश है जिससे की अरविंद केजरीवाल सरकार के काम की गति को धीमी पड़ जाए।
शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले को लेकर अपने घर में बैठक बुलायी। बैठक में उन 20 विधायकों को मौजूद होने को कहा गया था। बता दें कि शुक्रवार को चुनाव आयोग ने लाभ के पद के मामले में दिल्ली विधानसभा में आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। इसपर अब राष्ट्रपति को अंतिम फैसला लेना है।