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बसों पर सियासत! रात 11 बजे यूपी सरकार से मिली चिट्ठी तो प्रियंका गांधी ने देर रात 2 बजे दिया जवाब, कहा- खाली बसों को लखनऊ भेजने की बात अमानवीय

By विनीत कुमार | Updated: May 19, 2020 08:40 IST

प्रियंका गांधी ने यूपी के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (गृह) को रात दो बजे पत्र लिखकर कहा कि सरकार की 1000 बसों को लखनऊ भेजने की बात समय की बर्बादी है क्योंकि ज्यादातर प्रवासी मजदूर यूपी बॉर्डर पर फंसे हैं।

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ठळक मुद्देप्रियंका गांधी ने देर रात पत्र लिखकर बसों को लखनऊ भेजने की बात को अमानवीय बतायाप्रियंका गांधी ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (गृह) अवनीश अवस्थी को लिखा पत्र, कहा- कांग्रेस अब भी 1000 बसों के अपने स्टैंड पर कायम

उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने देर रात उत्तर प्रदेश के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (गृह) को पत्र लिखकर कहा है सरकार की ओर से कांग्रेस की प्रस्तावित 1000 खाली बसों को लखनऊ भेजने की मांग करना न केवल अमानवीय है बल्कि समय और साधन दोनों की बर्बादी है।

प्रियंका गांधी ने रात दो बजे एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (गृह) अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर कहा, 'हमें ई-मेल के माध्यम से देर रात 11.40 बजे पत्र मिला जिसमें हमसे दस्तावेजों के साथ 1000 बसें सरकार को देने को कहा गया है। इसमें बसों को सुबह 10 बजे तक लखनऊ में मौजूद रहने की बात कही गई है।'  

प्रियंका ने आगे लिखा, 'प्रवासी मजदूर यूपी बॉर्डर पर फंसे हैं। वे भी खासकर दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर। ऐसे समय में जब हजारों लोग सड़कों पर चल रहे हैं और यूपी बॉर्डर पर रजिस्ट्रेशन के लिए जमा हुए हैं, 1000 खाली बसों को लखनऊ भेजना समय और साधन की बर्बादी होगी। ये अमानवीय भी है।'

प्रियंका ने साथ ही कहा, 'अमानवीय होने के सा-साथ ये कदम गरीबों के खिलाफ भी है। ऐसा लगता नहीं कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रवासियों मजदूरों की मदद के लिए तत्पर है। हम अपने स्डैंट पर कायम हैं कि हम प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करेंगे। हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप नोडल अधिकारी की नियुक्ति करें ताकि हम उनसे संपर्क कर सकें और मजदूरों को उनके घर पहुंचा सके।'

इससे पहले सोमवार को प्रियंका गांधी वाड्रा ने श्रमिकों के लिए 1000 बसों के संचालन की अनुमति प्रदान किए जाने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करते हुए कहा था कि कोरोना महामारी के समय उनकी पार्टी राज्य के लोगों के साथ सकारात्मक भाव से खड़ी रहेगी। उत्तर प्रदेश प्रशासन ने प्रियंका के निजी सचिव को पत्र लिखकर बसों के संबंध में विवरण मांगा था।

गौरतलब है कि बता दें कि प्रियंका गांधी ने रविवार को दो ट्वीट किए थे और कहा था कि हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी है, यूपी सरकार परमीशन दे। प्रियंका ने पहले ट्वीट में बसों का वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, 'हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ परमीशन दीजिए। हमें अपने भाइयों और बहनों की मदद करने दीजिए।'

वहीं, एनडीटीवी के अनुसार सोमवार सुबह एक टीवी इंटरव्यू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वह तीन दिन से कांग्रेस से कह रहे हैं कि वह उन्हें 1000 बसों के नंबर और उनके ड्राइवर और कंडक्टर की लिस्ट दे लेकिन कांग्रेस ने नहीं दिया। योगी के बयान पर कांग्रेस  का कहना था कि यूपी सरकार ने उनसे कभी कोई लिस्ट नहीं मांगी।

टॅग्स :कोरोना वायरस लॉकडाउनप्रियंका गांधीयोगी आदित्यनाथउत्तर प्रदेश
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