उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'भगवा वस्त्र' पर टिप्पणी करने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर पलटवार करते हुए कहा है कि राजनीति के लिए धर्मों की लड़ाई न शुरू की जाए।
इस बयान को लेकर हंगामा शुरू हो गया है। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि प्रियंका गांधी को सरनेम से गांधी हटाकर फिरोज लगाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि प्रियंका गांधी को भगवा की पहचान नहीं। निरंजन ज्योति ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधा है।
साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि प्रियंका जिस तरह आग लगने वाले का समर्थन कर रही है वो बापू (महात्मा गांधी) की सोच नहीं है। उधार में जो लिया जाता है सूद समेत वापस लौटना चाहिए। प्रियंका को गांधी सरनेम छोड़ देना चाहिए और अपना नाम प्रियंका फिरोज रखना चाहिए। प्रियंका को ये ध्यान रखना चाहिए कि देश ने विदेश से आने वाली उनकी मां को भी नागरिकता दी है।'
शर्मा ने मुख्यमंत्री पर भगवा चोला धारण करने के बावजूद हिंसक बदला लेने का आरोप लगाने वाली गांधी की प्रेस कांफ्रेंस के बाद आनन—फानन में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस महासचिव ने मुख्यमंत्री के साथ—साथ भगवा को भी आरोपित कर दिया है।
उन्होंने कहा ''योगी जी ने धर्म को धारण किया है। हिन्दू धर्म किसी का अहित करना नहीं सिखाता। हिन्दू धर्म में किसी अन्य धर्म के अपमान की बात ही नहीं है। इतना विशाल हिन्दू धर्म है यह, उसको आप कह रहे हैं कि धारण करने वाला व्यक्ति ऐसा काम कर रहा है।'' उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आप अपनी राजनीति में आकर धर्मों की लड़ाई को प्रारम्भ कर रही हैं। कृपया ऐसा न करें। यह हिन्दू और मुसलमान का प्रश्न नहीं है। यह भारत के भविष्य और राष्ट्रीय एकता का सवाल है।
उन्होंने कहा ''आप भगवा को गाली देंगी मगर आप से कोई खुश होने वाला नहीं है और न ही भगवा को छोड़ने वाला है। आप जितनी गाली देंगी, उतना ही हमारा आत्मबल बढ़ता जाएगा।'' गांधी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि बदला लेने की बात करने वाले योगी ने उस हिन्दू धर्म के चिह्न यानी भगवा को धारण किया है जिसमें हिंसा और बदले की भावना की कोई जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बदला लेने के बयान पर पुलिस प्रशासन कायम है। इस देश के इतिहास में शायद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान दिया। शर्मा ने एक सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री ने 'बदले में' शब्द का प्रयोग किया था मगर उनका मतलब हिंसा में तोड़ी गयी सरकारी सम्पत्ति के बदले में उसके दोषियों की सम्पत्ति बेचकर भरपाई करने से था।