लखनऊ: कानपुर मुठभड़े (Kanpur Encounter) का मुख्य आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर (vikas Dubey Encounter) में शुक्रवार (10 जुलाई) सुबह मारा गया। गिरफ्तारी के एक दिन बाद विकास दुबे के एनकाउंटर पर विपक्ष के नेता सवाल उठाने लगे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि उप्र की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है।
इसके साथ ही प्रियंका ने कहा कि राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई। कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जाँच होनी चाहिए
इससे पहले ट्वीट कर प्रियंका गांधी ने कहा था कि विकास दुबे के मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद शुक्रवार को सवाल किया कि अपराधी का अंत हो गया, लेकिन अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या होगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?’’
मायावती ने भी इस मामले में जांच की मांग की-
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विकास दुबे एनकाउंटर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। मायावती ने आज (10 जुलाई) ट्वीट कर कहा, ''कानपुर पुलिस हत्याकांड की और साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्र देश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।''
एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा, ''यह उच्च-स्तरीय जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इंसाफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है।
अखिलेश यादव ने कहा- कार पलटी नहीं है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचायी गयी है
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि यह कार पलटी नहीं है, राज खुलने से, सरकार पलटने से बचायी गयी है। यादव ने ट्वीट कर कहा, ''दरअसल यह कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है।''
कानपुर पुलिस ने बताया विकास दुबे के एनकाउंटर का पूरा वाकया
आरोपी विकास दुबे शुक्रवार (10 जुलाई) सुबह 9 बजे के करीब कानपुर के भौती इलाके में पुलिस मुठभेड़ मे मारा गया। विकास दुबे को गुरुवार मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफतार किया गया था। मुठभेड़ के बाद विकास दुबे के शव को कानपुर के हैलट अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। विकास के कंधे और कमर में चार गोलियां लगी हैं।
कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया, तेज बारिश हो रही थी। पुलिस ने गाड़ी तेज भगाने की कोशिश की जिससे वह डिवाइडर से टकराकर पलट गयी और उसमें बैठे पुलिसकर्मी घायल हो गये। उसी मौके का फायदा उठाकर दुबे ने पुलिस के एक जवान की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की और कुछ दूर भाग भी गया। तभी पीछे से एस्कार्ट कर रहे एसटीएफ के जवानों ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की और उसी दौरान उसने एसटीएफ पर गोली चला दी जिसके जवाब में जवानों ने भी गोली चलाई और वह घायल होकर गिर पड़ा। हमारे जवान उसे अस्पताल लेकर गये जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।