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PM मोदी ने नागरिकता कानून को लेकर विपक्षी मुख्यमंत्रियों पर साधा निशाना, राजस्थान के CM गहलोत ने दिया ये जवाब!

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: December 23, 2019 04:53 IST

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाबी हमला करते हुए कहा कि पहले अमित शाह सदन में एवं आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेरा नाम लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं. ये कहना क्या चाहते हैं? पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर जो लोग सीमावर्ती राजस्थान आए उन्हें सुविधाएं मिले, इसके लिए मेरे द्वारा तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को पत्र लिखना क्या गलत था?

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ठळक मुद्देशिकायत तो यह है कि जिस प्रकार असम में एनआरसी को लागू नहीं कर पाए उसके बावजूद पूरे देश में गृहमंत्री एनआरसी लागू करने का ऐलान करके भड़का रहे हैं.सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को जनभावनाओं को समझाना चाहिए. गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि मैं नागरिकता कानून को हर हाल में देशभर में लागू करवा कर रहूंगा.

दिल्ली के रामलीला मैदान से पीएम नरेन्द्र मोदी ने उन मुख्यमंत्रियों पर निशाना साधा जिन्होंनेे अपने-अपने राज्य में सीएए लागू नहीं करने की बात कही है, तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाबी हमला करते हुए कहा कि पहले अमित शाह सदन में एवं आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेरा नाम लेकर देश को गुमराह कर रहे हैं.

ये कहना क्या चाहते हैं? पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर जो लोग सीमावर्ती राजस्थान आए उन्हें सुविधाएं मिले, इसके लिए तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदम्बरम को पत्र लिखना क्या गलत था?

उनका सवाल है कि अब भी जो प्रताड़ित होकर आते हैं, उन्हें नागरिकता, सुविधाएं दिये जाने से कौन रोक रहा है? इससे हिन्दू या मुसलमान किसको शिकायत हो सकती है? शिकायत तो यह है कि जिस प्रकार असम में एनआरसी को लागू नहीं कर पाए उसके बावजूद पूरे देश में गृहमंत्री एनआरसी लागू करने का ऐलान करके भड़का रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में रविवार को विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा अल्बर्ट हॉल से गांधी सर्किल तक शांति मार्च निकाला गया, जिसमें सीएम गहलोत ने नागरिकता संशोधन कानून को विभाजनकारी फैसला बताते हुए केंद्र से इसे वापस लेने की मांग की.

सीएम गहलोत का कहना था कि केंद्र सरकार को जनभावनाओं को समझाना चाहिए. गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि मैं नागरिकता कानून को हर हाल में देशभर में लागू करवा कर रहूंगा. इतना हिंसा के बाद भी अभी भी धमकाने वाले बयान आ रहे हैं. अपने स्वार्थ के लिए संविधान का गला घोटना ठीक नहीं. इसमें सभी धर्मों के लोग प्रभावित होंगे.

उनका यह भी कहना था कि केंद्र सरकार की ओर से जिस रूप में सीएए को लागू करने की घोषणा की गई है, उससे अनावश्यक रूप से सामाजिक सौहार्द बिगड़ गया है. देश में वर्तमान में बने हालातों के मद्देनजर संविधान और लोकतंत्र की रक्षार्थ सर्वदलीय एवं सर्वसमाज की ओर से शांति मार्च निकाला गया है. 

 

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