Bihar Election: पप्पू यादव पटना के इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव, महागठबंधन में सीट शेयरिंग व नेतृत्‍व को लेकर शुरू हुई जंग

By एस पी सिन्हा | Published: June 9, 2020 08:51 PM2020-06-09T20:51:51+5:302020-06-09T21:09:15+5:30

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव, वामपंथी दलों और वंचित समाज पार्टी जैसे दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत हो रही है.

Pappu Yadav can contest elections from this seat of Patna, the battle started on seat sharing and leadership in the Grand Alliance | Bihar Election: पप्पू यादव पटना के इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव, महागठबंधन में सीट शेयरिंग व नेतृत्‍व को लेकर शुरू हुई जंग

पप्पू यादव लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव (फाइल फोटो)

Highlightsचुनाव को देखते हुए महागठबंधन में सीट शेयरिंग के पहले समन्‍वय समिति के गठन की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है. 'हम' पार्टी ने कहा है कि तेजस्वी यादव को राजद दल के नेता हैं, महागठबंधन के नेता नहीं हैं. जीतन राम मांझी, रालोसपा अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा व मुकेश सहनी ने आपस में मिलकर घंटों बातचीत की है।

पटना: बिहार में इस साल के अंत में होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर अब सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं, वहीं विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल दलों में किचकिच प्रारंभ हो गई है. 

बता दें कि महागठबंधन के नेता भी अब खुलकर इसके लिए राजद के तानाशाही रवैये को दोष दे रहे हैं. हालात ऐसे हो गये हैं कि विपक्षी महाठबधंन में सीट शेयरिंग व नेतृत्‍व को लेकर अब जंग और तेज होती जा रही है. इस बीच मधेपुरा से लोकसभा चुनाव हारने के बाद पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अब विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.

पटना के इस विधानसभा सीट से पप्पू यादव लड़ सकते हैं चुनाव-

मधेपुरा और पूर्णिया की राजनीति करने वाले पप्पू यादव विधानसभा में पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र की कुम्हरार विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे हैं. यही नहीं उन्होंने कहा कि मधेपुरा विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ेंगे.

सूत्रों की मानें तो जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव, वामपंथी दलों और वंचित समाज पार्टी जैसे दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत हो रही है.

Bihar Gathbandhan spar over bypoll seats
Bihar Gathbandhan spar over bypoll seats

महागठबंधन में सीट शेयरिंग की बात होने लगी है-

इसबीच, चुनाव को देखते हुए महागठबंधन में सीट शेयरिंग के पहले समन्‍वय समिति के गठन की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है. हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्‍यक्ष जीतन राम मांझी इस मसले पर आर-पार की लडाई के मूड में हैं. उन्‍होंने तेजस्‍वी यादव को महागठबंधन का नेता मानने से इन्‍कार कर दिया है.

वे चाहते हैं कि महागठबंधन के नेतृत्‍व सहित सभी बडे फैसले समन्‍वय समिति करे. उधर, महागठबंधन का प्रमुख घटक राजद इस मुद्दे पर किसी समझौते के मूड में नहीं है. तेजस्वी यादव को राजद ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया है, लेकिन हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने साफ तौर पर कह दिया है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता नहीं है.

वहीं, महागठबंधन में शामिल छोटे दलों हम के अध्यक्ष मांझी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी पिछले कुछ दिनों के अंदर दो बार बैठक कर चुके हैं. ये सभी नेता महागठबंधन में समन्वय समिति बनाकर कोई भी निर्णय लेने की मांग कर रहे हैं. लेकिन राजद अपनी जिद पर अडी है.

इस बीच, जीतन राम मांझी के निर्देश पर 'हम' पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राजद के नेता हैं, महागठबंधन के नहीं. महागठबंधन का नेता कौन होगा? इसका फैसला समन्‍वय समिति में होगा. रिजवान ने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि समन्‍वय समिति का गठन शीघ्र नहीं हुआ तो इसका खामियाजा महागठबंधन को उठाना होगा.

यही नही महागठबंधन के कई नेताओं ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहते हैं कि राजद कई बार निर्णय बिना किसी अन्य दलों की सूचना के लेते रहा है. मांझी ने भी कई मौके पर इसे लेकर विरोध जता चुके हैं. मांझी ने यहां तक कह दिया कि तेजस्वी अपने सामने किसी को समझते ही नहीं हैं. हम का कहना है कि राजद के वरिष्ठ नेताओं के कारण महागठबंधन में दरार है.

हम के नेता यह भी कहते हैं कि अगर लालू प्रसाद यादव होते, तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती. वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है जब इस मुद्दे पर 'हम' ने अपने तेवर दिखाए हैं. मांझी समय-समय पर यह मुद्दा उठाते रहे हैं.

जीतन राम मांझी, रालोसपा अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा व मुकेश सहनी से मिले

तीन दिनों पहले जीतन राम मांझी ने अपने आवास पर महागठबंधन के घटक दल रालोसपा अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा व विकासशील इन्‍सान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया मुकेश सहनी के साथ गुप्‍त बैठक कर राजद पर दबाव बढाया था. उसी दिन इसके पहले कांग्रेस ने गठबंधन के तहत अधिक सीटों की मांग रखी थी, साथ ही कहा था कि इसका नेतृत्‍व कांग्रेस करेगी. वैसे महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर विवाद पहले भी उठते रहे हैं.

बीते लोकसभा चुनाव सहित अन्‍य कई चुनावों के दौरान यह मामला गरमाता रहा था. हालांकि, हर बार राजद अपनी बात मनवाने में कामयाब रहा है. राजद के प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सिंह सहित कई प्रमुख नेता समय-समय पर स्‍पष्‍ट कर चुके हैं कि महागठबंधन का नेतृत्‍व राजद करेगा तथा नेता प्रतिपक्ष होने के नाते तेजस्‍वी यादव महागठबंधन के मुख्‍यमंत्री चेहरा हैं.बहरहाल, सालभर के प्रयास में महागठबंधन के सहयोगियों को समन्‍वय समिति के गठन में सफलता नहीं मिल सकी है.

Bihar: Screwed In Mahagathbandhan On Seat Sharing, Congress

अब देखना यह है कि विधानसभा चुनाव के पहले सीट बंटवारे के पूर्व समन्‍वय समिति का गठन होता है या नहीं? जो भी हो, इतना तो तय है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. इधर, सूत्रों का कहना है कि ये छोटे दल कांग्रेस के बडे नेताओं के संपर्क साध रहे हैं. कहा जा रहा है कि महागठबंधन में अगर बात नहीं बनी तो कई दल मिलकर अलग मोर्चा बना सकते हैं.  

वंचित समाज पार्टी के उपाध्यक्ष और चुनाव अभियान समिति के अध्‍यक्ष ललित मोहन सिंह स्वीकार करते हैं कि कई छोटे दल उनके संपर्क में हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिहार में होने वाले चुनाव में छोटे दल मिलकर लडेंगे, जिसके लिए बात चल रही है.इधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि समय आने पर सबकुछ तय हो जाएगा.

राजद ने मुख्यमंत्री चेहरा के रूप में तेजस्वी यादव के नाम को किया आगे 

राजद ने बड़ा दल होने के नाते मुख्यमंत्री चेहरा के रूप में तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा कर चुकी है. उन्होंने महागठबंधन के तीन दलों के बैठक के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि चुनाव का साल है सभी दल बैठक करते हैं. समन्वय समिति के संबंध में तिवारी कहते हैं कि पहले भी सामूहिक रूप से निर्णय होता था, तभी तो पूर्व मुख्यमंत्री मांझी जी के पुत्र को विधान परिषद भेजा गया.

इधर, राजनीतिक दल सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए वर्चुअर रैली के जरिए मतदाताओं को साधने में लग गये हैं. हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली से चुनावी अभियान की एक तरह से शुरुआत कर दी है.

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लगातार जदयू कार्यकर्ताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे हैं. इसतरह से सत्ता पक्ष जहां चुनावी तैयारियों में जुट चुका है, वहीं विपक्षी दलों के महागठबंधन में लगातार मतभेद सामने आने लगे हैं.

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