नई दिल्ली, 22 जनवरीः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को सेना प्रमुख बिपिन रावत के मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड फ्रंट (एआईयूडीएफ) पर दिए गए बयान की आलोचना की है। ओवैसी ने कहा, 'आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को राजनैतिक मामलों में दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए। बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के उत्थान पर टिप्पणी करना उनका काम नहीं है।' अपने ट्वीट में ओवैसी ने यह भी कहा कि सेना हमेशा लोगों द्वारा चुने गए नेतृत्व के अंतरगत ही काम करती है।
इससे पहले सेना प्रमुख ने एक बयान में कहा, 'जितने तेजी से देश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का विस्तार नहीं हुआ, उससे ज्यादा तेजी से बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ बढ़ी है।
बदरुद्दीन अजमल की पार्टी असम राज्य में है। सेना प्रमुख का बयान बांग्लादेशी घुसपैठ और जनसांख्यिकी परिवर्तन को ध्यान में दिया गया था। उन्होंने कहा कि घुसपैठ होने का एक बड़ा कारण जमीन पर कब्जा जमाना भी है।
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इसके बाद से ही लगातार सोशल मीडिया में जनरल रावत के बयान को राजनैतिक बताते हुए इसकी आलोचना की जा रही है। उन चर्चाओं को जोर तब मिला जब असदुद्दीन ओवैसी ने इसकी आलोचना की।
असल में पूर्वोत्तर राज्यों में जमीन पर कब्जा लेकर लगातार विवाद चल रहा है। इसमें डोकलाम विवाद शामिल है। इसी मामले में बुधवार (21 फरवरी) को एक सम्मेलन में सेना प्रमुख ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों पहले चीन की तरफ से डोकलाम के पास रक्षा बुनियादी ढांचा विकास करने की रिपोर्ट पेश की गई थी।
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नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने चीन के पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के द्वारा तेजी से किए जा रहे भूभाग विस्तार पर भी इससे पहले चिंता जताई थी। इसी बाबत सेना प्रमुख ने बदरुद्दीन अजमल की पार्टी के बारे में अपनी राय व्यक्त की थी।
बदरुद्दीन अजमल का जनरल रावत को जवाब- AIUDF, AAP हैं विकल्प
इस पर एआईयूडीएफ के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने ट्वीट कर के सेना प्रमुख के बयान को 'चौंकाने वाला (शॉकिंग)' बताया है। बदरुद्दीन के मुताबिक, जनरल रावत चौंकाने वाले राजनैतिक बयान दे रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि किसी राजनैतिक पार्टी का विस्तार आर्मी चीफ की चिंता विषय क्यों है? हमारी पार्टी या आम आदमी पार्टी का तेजी से विस्तार इसलिए हो रहा है कि यह पार्टियां बीजेपी के विकल्प के तौर पर उभर रही हैं।