लोकसभा चुनाव 2019: BJP को हराने के लिए 'हाथी' के साथ उतरेंगे अखिलेश, कुछ सीटें छोड़ने को भी तैयार
By रामदीप मिश्रा | Published: June 11, 2018 11:37 AM2018-06-11T11:37:24+5:302018-06-11T11:37:24+5:30
बीजेपी के खिलाफ सपा और बसपा ने उत्तर प्रदेश में उपचुवानों से पहले एक-दूसरे से हाथ मिलाया। इसके बाद फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्रों के उपचुनाव में जीत हासिल कर एक नया राजनीतिक संदेश दिया।
लखनऊ, 11 जूनः समाजवादी पार्टी (सपा) आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटी हुई है। इसके लिए सपा के मुखिया अखिलेश यादव बहुजन समाज वादी पार्टी (बीएसपी) से अपना गठबंधन बरकरार रखना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें कुछ सीटों के लिए कुर्बानी भी देनी पड़े वह भी मंजूर है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, अखिलेश ने कहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए बीएसपी के साथ हमारा गठबंधन जारी रहेगा। अगर इसके लिए उन्हें कुछ सीटें छोड़नी पडें तो भी वह ऐसा करेंगे। हमें बीजेपी को हार सुनश्चित करनी है। उन्होंने दावा किया कि प्री-पोल गठबंधन के चलते हालिया उपचुनावों में जीत हासिल की गई है। यह गठबंधन आगे भी जारी रहेगा।
Our alliance with BSP will continue, in 2019 even if we have to give up a few seats we will do it. We have to ensure BJP is defeated: Akhilesh Yadav,SP pic.twitter.com/5vq4AA9frs
— ANI UP (@ANINewsUP) June 11, 2018
दरअसल, बीजेपी के खिलाफ सपा और बसपा ने उत्तर प्रदेश में उपचुवानों से पहले एक-दूसरे से हाथ मिलाया। इसके बाद फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्रों के उपचुनाव में जीत हासिल कर एक नया राजनीतिक संदेश दिया। इस जीत के बाद अखिलेश यादव ने मायावती के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की।
गौरतलब है कि 2014 के लोक सभा चुनाव में बसपा को यूपी में एक भी सीट नहीं मिली थी। 2017 के यूपी विधान सभा चुनाव में भी बसपा 19 सीटों पर सिमट गयी। राजनीतिक जानकार मायावती और बसपा के भविष्य पर सवाल उठाने लगे थे। मायावती ने बीजेपी विरोधी गठबन्धन का पहला सफल प्रयोग यूपी की गोरखपुर और फूलपुर संसदीय सीटों के लिए हुए उपचुनाव में किया। गोरखपुर सीट यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और फूलपुर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की वजह से खाली हुई थी। दोनों ही सीटों पर बसपा ने सपा को समर्थन दिया। दोनों ही सीटें बीजेपी हार गई।
वहीं, इधर अखिलेश यादव आजकल सुर्खियों में हैं क्योंकि लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने बंगले से टाइल्स उखाड़ने का मामला सामने आया, जिसको लेकर बीजेपी उन पर हमलावर है। हालांकि अखिलेश ने बंगले में कथित तोड़फोड़ के मुद्दे को तूल देने के खिलाफ बीजेपी को आगाह किया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार किसी नुकसान की सूची देती है तो वह भरपाई करने को तैयार हैं।
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