चीन से नजरें मिलाकर केवल भारत देख सका है, चीन को उसकी रणनीतिक भूल का आभास होगा :वरुण गांधी

By भाषा | Published: August 27, 2020 06:41 PM2020-08-27T18:41:12+5:302020-08-27T18:41:12+5:30

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच गतिरोध पर वरुण गांधी ने कहा कि चीन ने पिछले कुछ समय में अधिकतर सीमावर्ती क्षेत्रों में बहुत आक्रामकता दिखाई है

Only India can see with the eyes of China, China will realize its strategic mistake: Varun Gandhi | चीन से नजरें मिलाकर केवल भारत देख सका है, चीन को उसकी रणनीतिक भूल का आभास होगा :वरुण गांधी

फाइल फोटो.

Highlightsअयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होते देखना हनुमान जी के भक्त के तौर पर उनके लिए स्वप्न का साकार होने जैसा है।उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद का सफल समाधान भारत की शासन व्यवस्था, लोकतंत्र और न्यायपालिका के लिए ऐतिहासिक है,

भाजपा नेता वरुण गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत एकमात्र देश है जो सीमा पर अपने सैनिकों की ताकत की बदौलत चीन से नजरें मिलाकर देख सका है और चीन को अपने शक्तिशाली पड़ोसी को उकसाने की रणनीतिक भूल माननी पड़ेगी।

पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण ने कहा कि इतने साल के संघर्ष के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होते देखना हनुमान जी के भक्त के तौर पर उनके लिए स्वप्न का साकार होने जैसा है। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर के भूमिपूजन को देश के स्वतंत्रता दिवस से जोड़ते हुए वरुण ने कहा, ‘‘अगस्त 1947 में भारत का नियति से साक्षात्कार (ट्रिस्ट विद डेस्टिनी) हुआ था। अब भारत का पुनर्जागरण हुआ है और यह अपनी सभ्यताओं के साथ फिर संपर्क स्थापित कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद का सफल समाधान भारत की शासन व्यवस्था, लोकतंत्र और न्यायपालिका के लिए ऐतिहासिक है, वहीं यह हमारे देश में विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच प्रशंसनीय एकजुटता भी प्रदर्शित करता है। चालीस वर्षीय भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘हनुमानजी के भक्त के रूप में राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास मेरे लिए स्वप्न के साकार होने जैसा है। भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं हैं।’’

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच गतिरोध पर वरुण गांधी ने कहा कि चीन ने पिछले कुछ समय में अधिकतर सीमावर्ती क्षेत्रों में बहुत आक्रामकता दिखाई है और दक्षिण चीन सागर, सेंकाकू द्वीपसमूह, ताईवान और तिब्बत में तनाव है, ‘‘लेकिन भारत एकमात्र देश है जो अपने सीमा पर तैनात सैनिकों के माध्यम से चीन से नजरें मिला सका है।’’ उन्होंने कहा कि नीतिगत मामलों के कई टिप्पणीकार चीन की सशस्त्र ताकत को लेकर आशंकाएं जाहिर करते हैं, लेकिन अक्सर यह भुला दिया जाता है कि भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी और सर्वाधिक अनुभवी पहाड़ों पर लड़ सकने वाली सेना है।

गलवान घाटी में भारत के सैनिकों की शहादत का उल्लेख करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के सशस्त्र बल चीन को भारत को उकसाने की रणनीतिक भूल को मनवा लेंगे। वरुण ने कहा कि चीन को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा और वह एक साझेदार के रूप में भारत जैसी आर्थिक महाशक्ति को खो देगा, वहीं मोदी सरकार का रक्षा बलों को सशक्त बनाने पर जोर तथा पूरी रणनीतिक भावमुद्रा में बदलाव हमें दीर्घकालिक रूप में सक्षम बनाएगा।

उन्होंने कोविड-19 के संकट से निपटने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘मोदीजी के मजबूत नेतृत्व और दृष्टि की वजह से लॉकडाउन सफल हुआ क्योंकि वही देश को एक कठोर बंद का पालन करने के लिए प्रेरित कर सकते थे। कोई कमजोर नेता यह नहीं कर पाता।’’ वरुण गांधी ने कहा कि देश अब आर्थिक मोर्चे पर महामारी से निपटने के लिहाज से पहले से मजबूत स्थिति में है। 

Web Title: Only India can see with the eyes of China, China will realize its strategic mistake: Varun Gandhi

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