निजामुद्दीन मरकज पर मुस्लिमों को ट्रोल किए जाने के बाद उमर अब्दुल्ला ने किए कई ट्वीट्स, कहा- 'मुस्लिमों पर दोष मढ़ने का मिला एक और बहाना'

By पल्लवी कुमारी | Published: April 1, 2020 08:29 AM2020-04-01T08:29:43+5:302020-04-01T08:29:43+5:30

एक मार्च से 15 मार्च तक तबलीगी जमात में देश और विदेशों से आए 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें इंडोनेशिया और मलेशिया समेत कई देशों से लोग आए थे।

omar abdullah comment on nizamuddin markaz case says another excuse to blame muslims | निजामुद्दीन मरकज पर मुस्लिमों को ट्रोल किए जाने के बाद उमर अब्दुल्ला ने किए कई ट्वीट्स, कहा- 'मुस्लिमों पर दोष मढ़ने का मिला एक और बहाना'

Omar Abdullah (File Photo)

Highlightsउमर अब्दुल्ला ने लिखा, देश के ज्यादातर मुसलमानों ने सरकारी नियमों और सलाहों का ठीक उसी तरह पालन किया है, जैसे कि किसी और ने किया है।दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात प्रचारक के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद भारत में सात लोगों की मौत हो चुकी है।

श्रीनगर: दक्षिण दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज के मामले के सामने आने के बाद देश के हजारों लोगों पर कोरोना वायरस का संकट मंडरा रहा है। देश में इस धार्मिक सभा में भाग लेने वाले 7 लोगों की मौत हो गई है। इस मामले का असर सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। इस मसले पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और  नैशनल कॉन्फ्रें के नेता उमर अबदुल्ला ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस फैलाने को दोष अब फिर से मुस्लिमों पर नहीं मढ़ा जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर मुस्लिमों को ट्रोल किए जाने के बाद उमर अब्दुल्ला ने एक बाद एक कई ट्वीट किए। 

उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट लिखा, अब कुछ लोगों के लिए तबलीगी जमात सबसे आसान बहाना बन जाएगा कि वे हर जगह मौजूद मुस्लिमों को गाली दे सकें, जैसे मुस्लिमों ने ही कोरोना पैदा किया हो और पूरी दुनिया में फैला दिया हो।

अपने एक अन्य ट्वीट में  उमर अब्दुल्ला ने लिखा, देश के ज्यादातर मुसलमानों ने सरकारी नियमों और सलाहों का ठीक उसी तरह पालन किया है, जैसे कि किसी और ने किया है।

उमर अब्दुल्ला ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''तबलीगी वायरस'' जैसे हैशटैग के साथ कई ट्वीट किए जा रहे हैं। जिसमें लिखा जा रहा है कि  ''तबलीगी वायरस'' दुनिया के किसी भी वायरस से ज्यादा खतरनाक है।

2000 से अधिक लोगों ने धार्मिक सभा में हिस्सा लिया था

इंडोनेशिया और मलेशिया समेत अनेक देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने 15 मार्च तक तबलीगी जमात में भाग लिया था। इस दौरान तबलीगी जमात ने एक धार्मिक आयोजन किया था। यह आयोजन तबलीगी जमात के दिल्ली मुख्यालय में हुआ था। बताया जा रहा है कि इसमें हजार से भी अधिक लोग जमा हुए थे, जिनमें अधिकतर भारतीय थे। यहीं पर कुछ ऐसे लोग भी थे, जो कोरोना से संक्रमित थे। हालांकि स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे।

इस धार्मिक आयोजन में हिस्से लेने वालों में कुछ वरिष्ठ मौलाना भी थे। जिसमें बहुत लोग सऊदी अरब, मलेशिया और इंडोनेशिया से भी आए थे, उन देशों में पहले ही कोरोना बुरी तरह से फैला हुआ है। कार्यक्रम में करीब 250 विदेशी मेहमान थे। विदेशी मेहमानों में थाईलैंड और किर्गिस्तान से आए लोग भी थे, जो अभी वापस नहीं लौटे हैं।

दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात प्रचारक के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद भारत में सात लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा देशभर में  50 से ज्यादा ऐसे कोविड19 के मरीज सामने आ चुके हैं, जिन्होंने तबलीगी जमात दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में 13 मार्च से 15 मार्च के बीच धार्मिक सभा में भाग लिया था। 

Web Title: omar abdullah comment on nizamuddin markaz case says another excuse to blame muslims

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