वर्ष 2004 में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात चंदन व हाथीदांत तस्कर वीरप्पन की बेटी विद्या रानी भाजपा में शामिल हो गई है। विद्या रानी के साथ कई अन्य लोग भी शनिवार (22 फऱवरी) को भाजपा में शामिल हुए। कृष्णगिरि में हुए पार्टी के कार्यक्रम में पार्टी महासचिव मुरलीधर राव, पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन व अन्य लोग भी मौजूद रहे।
वीरप्पन की बेटी ने भाजपा में शामिल होने के बाद ये कहा-
विद्या रानी ने कहा कि वह जनता की सेवा के लिए पार्टी में शामिल हुई हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता गलत रास्ते के जरिए लोगों की सेवा करना चाहते थे।
वीरप्पन ने 2000 में कन्नड़ अभिनेता राजकुमार और 2002 में कनार्टक के पूर्व मंत्री एच. नागप्पा का अपहरण कर लिया था। वीरप्पन को 2004 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
इस बीच तमिलनाडु भाजपा ने रविवार (23 फरवरी) को कहा कि उसके सदस्य 28 फरवरी को सभी जिलों में जुलूस निकालेंगे। यह जुलूस देश विरोधी गतिविधियों का समर्थन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए निकाला जाएगा।
वीरप्पन अधिकारियों का सिर काटकर फुटबॉल खेलता था-
बता दें कि तमिलनाडु में खूंखार चंदन तस्कर वीरप्पन की तरह तरह की कहानियां आज भी लोगों के जेहन में है। 18 अक्टूबर 2004 को वीरप्पम को पुलिस ने मार गिराया था। 18 जनवरी 1952 को जन्मे वीरप्पन के बारे में कहा जाता है कि उसने 17 साल की उम्र में पहली बार हाथी का शिकार किया था। हाथी को मारने की उसकी फ़ेवरेट तकनीक होती थी, उसके माथे के बींचोंबीच गोली मारना। वीरप्पन की ख़ूंख़ारियत का ये आलम था कि एक बार उसने भारतीय वन सेवा के एक अधिकारी पी श्रीनिवास का सिर काट कर उससे अपने साथियों के साथ फ़ुटबाल खेली थी। ये वही श्रीनिवास थे जिन्होंने वीरप्पन के पहली बार गिरफ्तार किया था। दक्षिण भारत के जंगलों में वीरप्पन का आतंक तीन दशकों तक चला। हाथी दांत से लेकर चंदन की लकड़ी तक की तस्करी वीरप्पन करता था। करीब 20 साल की तलाश के बाद पुलिस ने वीरप्पन को मारा था।