विपक्षी दल राज्यसभा उपसभापति हरिवंश के खिलाफ लेकर आए अविश्वास प्रस्ताव
By अनुराग आनंद | Published: September 20, 2020 04:20 PM2020-09-20T16:20:27+5:302020-09-20T16:20:27+5:30
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी ने आज लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाया है।
नई दिल्ली: कृषि संबंधी दो विधेयक ध्वनि मत से राज्यसभा में पास होने के बाद विपक्षी दल राज्यसभा उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। विपक्ष की तरफ से इस बात का दावा किया जा रहा है कि 12 दलों की सहमति से उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।
अहमद पटेल ने कहा कि राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश जी को लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन इसके बजाय उनके रवैये ने आज लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाया है। इसलिए हमने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।
He (Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh) should safeguard the democratic traditions but instead, his attitude today harmed the democratic traditions & processes. So we have decided to move a no-confidence motion against him: Congress Rajya Sabha MP Ahmed Patel https://t.co/IENdJnrSLbpic.twitter.com/CZLtKwAbgl
— ANI (@ANI) September 20, 2020
पीएम नरेंद्र मोदी ने विधेयक पास होने पर ये कहा-
लोकसभा के बाद राज्यसभा में आज (रविवार) कृषि संबंधी बिल पास हो गया है। विपक्ष के भारी हो-हंगामे के बीच कृषि संबंधी विधेयक को पास होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है। संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।
उन्होंने कहा कि दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे और उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था। संसद में पारित विधेयकों से अन्नदाताओं को इन सबसे आजादी मिली है। इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को बल मिलेगा और उनकी समृद्धि सुनिश्चित होगी।
कृषि क्षेत्र को आधुनिकतम तकनीक की तत्काल जरूरत: पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र को आधुनिकतम तकनीक की तत्काल जरूरत है, क्योंकि इससे मेहनतकश किसानों को मदद मिलेगी। अब इन बिलों के पास होने से हमारे किसानों की पहुंच भविष्य की टेक्नोलॉजी तक आसान होगी। इससे न केवल उपज बढ़ेगी, बल्कि बेहतर परिणाम सामने आएंगे। यह एक स्वागत योग्य कदम है।
उन्होंने इस मामले में आगे कहा कि मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं। MSP की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे।
कार्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने वाली है दोनों नए कृषि विधेयक
राज्यसभा में रविवार को कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त करने और कार्पोरेट जगत को फायदा पहुंचाने के लिए दोनों नए कृषि विधेयक लेकर आयी है।
हालांकि सरकार ने इसका खंडन करते हुए कहा कि किसानों को बाजार का विकल्प और उनकी फसलों को बेहतर कीमत दिलाने के उद्देश्य से ये विधेयक लाए गए हैं। राज्यसभा में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि दोनों विधेयक किसानों की आत्मा पर चोट हैं, यह गलत तरीके से तैयार किए गए हैं तथा गलत समय पर पेश किए गए हैं।
'बिल पर सहमति किसानों के डेथ वारंट पर साइन जैसा'
उन्होंने कहा इन बिलों पर सहमति किसानों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा होगा और कांग्रेस ये नहीं करेगी। साथ ही बाजवा ने कहा कि अभी हर दिन कोरोना वायरस के हजारों मामले सामने आ रहे हैं और सीमा पर चीन के साथ तनाव है। बाजवा ने आरोप लगाया कि सरकार का इरादा एमएसपी को खत्म करने का और कार्पोरेट जगत को बढ़ावा देने का है।
बाजवा ने सवाल किया कि क्या सरकार ने नए कदम उठाने के पहले किसान संगठनों से बातचीत की थी ? उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों विधेयक देश के संघीय ढांचे के साथ भी खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि जिन्हें आप फायदा देना चाहते हैं, वे इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में नए कानूनों की जरूरत क्या है। उन्होंने कहा कि देश के किसान अब अनपढ़ नहीं हैं और वह सरकार के कदम को समझते हैं।