नई दिल्ली, 27 मार्चः देश की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ आज लोकसभा में चार राजनीतिक दलों ने एक साथ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। इसमें तेलगूदेशम पार्टी, वाईआरएस कांग्रेस, कांग्रेस और सीपीएम शामिल हैं। यह चारों राजनीतिक पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे चुकी हैं। सोमवार को चौथे राजनीतिक दल के तौर पर सीपीएम सांसद मो.सलीम ने लोकसभा के महासचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
कांग्रेस की ओर से भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है। उन्होंने यह नोटिस शुक्रवार दिया है, जिसमें मंत्रिमंडल के प्रति अविश्वास जाहिर किया गया है। कांग्रेस ने 27 मार्च को इसे एजेंडे में शामिल करने का नोटिस दिया है।
इससे पहले मोदी सरकार में सहयोगी रही तेलगूदेशम पार्टी और राज्य के दूसरे दल वाईआरएस कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नोटिस दे चुके हैं। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव का निर्णय आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने के बाद लिया है। हालांकि, सदन में हंगामें के चलते उनके नोटिस पेश नहीं हो सके हैं।
इधर, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर तेलुगू देशम पार्टी ने बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से नाता तोड़ चुकी है। इसके साथ ही आए दिन अविश्वास प्रस्ताव लेकर संसद की कार्यवाही स्थगित की जा रही है। बीते सोमवार को जहां राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित रही, वहीं लोकसभा पहले दोपहर तक स्थगित रही। बाद में कुछ देर कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष ने फिर से हंगामा किया, जिसके बाद लोकसभा भी पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
आपको बता दें, इस समय कांग्रेस के 48 सांसद हैं। इस तरह सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए जरूरी 50 सांसदों का आंकड़ा आराम से जुट जाएगा। इसके साथ ही लेफ्ट फ्रंट, आप और बाकी विपक्षी दल भी सरकार के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं। इस तरह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में कोई मुश्किल नहीं होगी।