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MP News: राज्यसभा चुनाव को लेकर BJP ने होली के दिन बुलाई विधायक दल की बैठक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 10, 2020 09:03 IST

इससे पहले मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी डी शर्मा द्वारा बुलाई गई बैठक में पार्टी के दो विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल शामिल नहीं हुए थे। इन दोनों विधायकों ने पिछले साल जुलाई में विधानसभा सत्र के दौरान एक विधेयक पर मतदान में कांग्रेस का साथ दिया था।

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ठळक मुद्दे2018 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के कारण इन तीन सीटों में से दो पर कांग्रेस कब्जा कर सकती है।भाजपा नेता ने बताया कि जिन तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं, उनमें से मध्यप्रदेश विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या को देखते हुए एक सीट निश्चित तौर पर भाजपा के खाते में आयेगी।

भोपाल: मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए दो उम्मीदवारों का चयन करने के लक्ष्य से भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति को दावेदार उम्मीदवारों की सूची भेजने के कुछ ही घंटे बाद प्रदेश भाजपा ने चुनावी रणनीति तय करने के लिए मंगलवार, होली के दिन विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। यह बैठक मंगलवार शाम छह बजे बुलाई गई है। पार्टी ने अपने सभी 107 विधायकों को इसमें शामिल होने को कहा है।

माना जा रहा है कि पार्टी ने यह बैठक मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए अपने विधायकों को एकजुट करने के मकसद से बुलाई है। यह बैठक उस वक्त बुलाई की गई है, जब भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी पिछले कुछ दिनों से बार-बार कांग्रेस नीत मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने उनके आवास पर जा रहे हैं और कांग्रेस विधायकों के साथ-साथ इस सरकार को समर्थन दे रहे बसपा, सपा एवं निर्दलीय विधायकों द्वारा उन्हें कमलनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल न करने पर असंतोष जाहिर किया जा रहा है।

मालूम हो कि इससे पहले मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी डी शर्मा द्वारा बुलाई गई बैठक में पार्टी के दो विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल शामिल नहीं हुए थे। इन दोनों विधायकों ने पिछले साल जुलाई में विधानसभा सत्र के दौरान एक विधेयक पर मतदान में कांग्रेस का साथ दिया था। इसलिए इनकी अनुपस्थित से भाजपा चिंतित है, क्योंकि ये दोनों बार-बार पार्टी बदलने के लिए जाने जाते हैं। ये दोनों भाजपा विधायक पूर्व में कांग्रेस नेता रह चुके हैं। सूत्रों के अनुसार ये दोनों विधायक कथित रूप से पार्टी से नाराज चल रहे हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए दो उम्मीदवारों का चयन करने के लक्ष्य से प्रदेश भाजपा ने पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति को अपने राष्ट्रीय महासचिवों राम माधव एवं कैलाश विजयवर्गीय सहित 20 से 22 दावेदार उम्मीदवारों की सूची रविवार शाम को भेजी है। उन्होंने कहा कि इस पैनल में पार्टी के मध्यप्रदेश से दो राज्यसभा सदस्यों प्रभात झा एवं सत्यनारायण जटिया के नाम भी शामिल हैं। प्रभात झा एवं सत्यनारायण जटिया (दोनों भाजपा) और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल इस साल अप्रैल में पूरा होने वाला है।

इसी कारण इन तीन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति को इस पर अंतिम फैसला करना है कि किन दो प्रत्याशियों को मध्यप्रदेश की राज्यसभा सीटों से उतारा जाये। इस समिति को यह अधिकार भी है कि वह हमारी भेजी गयी सूची के अतिरिक्त किसी अन्य नेता को भी चुनाव मैदान में उतार सकता है।’’

2018 में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के कारण इन तीन सीटों में से दो पर कांग्रेस कब्जा कर सकती है, जबकि एक भाजपा के खाते में जाने की उम्मीद है। भाजपा नेता ने बताया कि जिन तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं, उनमें से मध्यप्रदेश विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या को देखते हुए एक सीट निश्चित तौर पर भाजपा के खाते में आयेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, हम एक और सीट के लिए जोर आजमा रहे हैं।’’ मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 भाजपा, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है। विधायक राज्यसभा चुनाव में मतदान कर प्रदेश से संसद के उच्च सदन के सदस्य का चुनाव करते हैं।

मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के आरोपों के बाद राज्य में चल रही सियासी घटनाक्रम के कुछ ही दिनों बाद यह चुनाव हो रहे हैं। मालूम हो कि मंगलवार को मध्यप्रदेश के 10 विधायक गायब हो गये थे, जिनमें दो बसपा, एक सपा, एक निर्दलीय एवं बाकी कांग्रेस के विधायक थे। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता इन विधायकों को हरियाणा के एक होटल में ले गये हैं और कमलनाथ की सरकार को गिराने के लिए उन्हें करोड़ों रूपये का आफर दे रहे हैं।

हालांकि, भाजपा ने इस आरोप को खारिज कर दिया और दावा किया कि 26 मार्च को मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के मद्देनजर यह कांग्रेस के विभिन्न गुटों के बीच चल रही अंदरूनी लड़ाई का नतीजा है। इसके बाद प्रदेश की सत्तारूढ़ कांग्रेस इन 10 विधायकों में से आठ विधायकों को वापस लाने में अब तक सफल हो चुकी है।  

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