मानसून सत्र: लोकसभा में उठी अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन की मांग

By भाषा | Published: August 6, 2018 08:12 PM2018-08-06T20:12:37+5:302018-08-06T20:12:37+5:30

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि एससी-एसटी समुदाय पर अत्याचार के खिलाफ यह तत्काल राहत वाला उपाय है लेकिन अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (एआईजेएस) की व्यवस्था लागू करके ही इसका स्थायी समाधान निकाला जा सकता है।

Monsoon Session: Demands for the formation of All India Judicial Service raised in the Lok Sabha | मानसून सत्र: लोकसभा में उठी अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन की मांग

मानसून सत्र: लोकसभा में उठी अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन की मांग

नई दिल्ली, 6 अगस्त: लोकसभा में सोमवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने मांग उठाई कि देश में जल्द अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (एआईजेएस) का गठन होना चाहिए और प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से जजों की नियुक्ति होनी चाहिए ताकि सभी वर्गों के लोग न्यायपालिका में पहुंचें। केंद्रीय मंत्रियों उपेंद्र कुशवाहा और अनुप्रिया पटेल, लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान तथा भाजपा के भागीरथ प्रसाद आदि सदस्यों ने आज सदन में अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक, 2018 पर चर्चा के दौरान इस विषय को उठाया और सरकार से मांग की कि अब देश में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन का समय आ गया है।

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि एससी-एसटी समुदाय पर अत्याचार के खिलाफ यह तत्काल राहत वाला उपाय है लेकिन अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (एआईजेएस) की व्यवस्था लागू करके ही इसका स्थायी समाधान निकाला जा सकता है। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने संशोधन विधेयक के संबंध में कहा कि यह संशोधन बीमारी का इलाज नहीं है बल्कि तत्काल राहत का उपाय है। ऐसा इसलिये है कि सरकार कोई फैसला करती है और उसके बाद अदालत का कोई फैसला आ जाता है। इसके कारण सरकार को फिर कोई पहल करनी पड़ती है। आंदोलन की स्थिति भी देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी की बात छोड़िये, उच्च न्यायापालिका में ब्राह्मण समाज से गरीब वर्ग का मेधावी बच्चा नहीं जा सकता है। 

कुशवाहा ने कहा कि ऐसे में एआईजेएस की व्यवस्था को लागू किया जाए ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके । केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह बड़ी दुख की बात है कि हम आजादी के इतने साल बाद भी दलित समुदाय को समानता नहीं दे पाऐ हैं। अपना दल की नेता पटेल ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ अत्याचार को पूरी तरह रोकने के लिए सरकार को एआईजेएस का गठन करना चाहिए जिसमें दलितों और पिछड़ों की भागीदारी हो।

लोजपा के चिराग पासवान ने कहा कि कॉलेजियम के माध्यम से जजों की नियुक्ति से सभी वर्गों को हिस्सेदारी नहीं मिल रही है। एआईजेएस होनी चाहिए ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से सभी वर्ग के लोग न्यायपालिका में पहुंचें। भाजपा के भागीरथ प्रसाद ने कहा कि संविधान की रूपरेखा में संसद सर्वोपरि है और इस विधेयक से इस बात को भी प्रमाणित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान में उल्लेखित विशेष प्रावधान के अनुरूप देश में एआईजेएस की स्थापना होनी चाहिए। गरीब लोग न्यायपालिका में आएंगे तो न्याय भी होगा।

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Web Title: Monsoon Session: Demands for the formation of All India Judicial Service raised in the Lok Sabha

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