महाराष्ट्र में मंत्रालय बंटवारा: कांग्रेस का पेंच सुलझा लेकिन एनसीपी में 'गृह' कलह बरकरार!
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 3, 2020 09:34 IST2020-01-03T09:34:31+5:302020-01-03T09:34:31+5:30
Maharashtra: अजित पवार का कहना है कि जयंत पाटिल ने गृह मंत्रालय लेने से इनकार कर दिया है, इसलिए यह मंत्रालय वलसे-पाटिल को मिले.

महाराष्ट्र में मंत्रालय बंटवारा: कांग्रेस का पेंच सुलझा लेकिन एनसीपी में 'गृह' कलह बरकरार!
कांग्रेस पार्टी में मंत्रालय बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद खत्म हो गया है. लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में गृह मंत्रालय को लेकर विवाद अब तक बरकरार है. जानकारी है कि राजस्व मंत्रालय बालसाहब थोरात के पास और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के पास लोकनिर्माण मंत्रालय जाएगा. कुछ मंत्रालयों की अदला-बदली की गई है. अशोक चव्हाण का आग्रह था कि यदि राजस्व मंत्रालय नहीं दे सकते तो लोकनिर्माण मंत्रालय दिया जाए. यही मंत्रालय नितिन राऊत और विजय वडेट्टीवार को भी चाहिए था. अंतत: वह चव्हाण को दिया गया.
अब ऊर्जा मंत्रालय पर वडेट्टीवार और राऊत ने दावा किया है. समझा जाता है कि स्कूली शिक्षा मंत्रालय अमित देशमुख को, महिला व बालविकास मंत्रालय यशोमति ठाकुर को, मेडिकल शिक्षा वर्षा गायकवाड़ को, ओबीसी मंत्रालय सुनील केदार को, वस्त्रोद्योग असलम शेख को दिया गया है.
राकांपा में नवाब मलिक को कामगार, दिलीप वलसे पाटिल को उत्पादन शुल्क और न्यूनतम कौशल, धनंजय मुंडे को सामाजिक न्याय, बालासाहब पाटिल को सहकारिता व विपणन मंत्रालय दिया जाएगा. अनिल देशमुख को गृह मंत्रालय देने पर विवाद चल रहा है. शरद पवार और अजित पवार चाहते हैं कि यह मंत्रालय जयंत पाटिल लें. लेकिन, उन्होंने जलसंपद मंत्रालय की मांग की.
अजित पवार का कहना है कि जयंत पाटिल ने गृह मंत्रालय लेने से इनकार कर दिया है, इसलिए यह मंत्रालय वलसे-पाटिल को मिले. सूत्रों के अनुसार शिवसेना के अनिल परब को मुख्यमंत्री कार्यालय के मंत्री के रूप में तथा आदित्य ठाकरे को पर्यावरण और उद्योग अथवा उच्च व तकनीकी शिक्षा में से एक, संजय राठोड़ को परिवहन तथा गुलाबराव पाटिल को कृषि मंत्रालय दिए जाने पर चर्चा अंतिम चरण में पहुंच गई थी. इसी दौरान कुछ मंत्रालयों में परिवर्तन कर दिया गया.
मलिक ने 'एक्साइज मंत्रालय' छोड़ा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने उत्पादन शुल्क मंत्रालय (एक्साइज) लेने से इनकार कर दिया. उसके बाद उनको कामगार मंत्रालय दिया गया है. लेकिन, गृह मंत्रालय को लेकर निर्मित हुआ पेंच अब तक नहीं सुलझा है. पार्टी का मत है कि यह मंत्रालय जयंत पाटिल अथवा वलसे-पाटिल के पास होना चाहिए.