गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों की जांच के लिए सरकार ने बनाई कमेटी, मनी लॉन्ड्रिंग सहित टैक्स नियमों के उल्लंघन का आरोप

By विनीत कुमार | Published: July 8, 2020 11:03 AM2020-07-08T11:03:34+5:302020-07-08T11:21:12+5:30

गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों की जांच के लिए सरकार ने पैनल बनाया है। इस पैनल की अध्यक्षता ईडी के स्पेशल डायरेक्टर करेंगे। ये फैसला उस बीच आया है जब हाल में कांग्रेस और विपक्षी नेताओं की ओर से पीएम केयर्स फंड पर सवाल उठाए जा रहे है।

MHA sets up committee to investigate into Gandhi family trusts on tax violationa and money laundering | गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों की जांच के लिए सरकार ने बनाई कमेटी, मनी लॉन्ड्रिंग सहित टैक्स नियमों के उल्लंघन का आरोप

गांधी परिवार से जुड़े ट्रस्टों की जांच के लिए बनी कमेटी (फाइल फोटो)

Highlightsगांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों की जांच के लिए केंद्र सरकार ने बनाई कमेटीमनी लॉन्ड्रिंग सहित टैक्स नियमों के उल्लंघन के आरोपों पर होगी जांच, हाल में बीजेपी ने इस मुद्दे को उछाला था

गृह मंत्रालय ने गांधी परिवार के तीन ट्रस्टों की जांच के लिए इंटर मिनिस्टीरियल (अंतर-मंत्रालयी) कमेटी बनाई है। ये कमेटी राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्र्स्ट पर आर्थिक अनियमितताओं के आरोप की जांच करेगी। प्रवर्तन निदेशायल ये स्पेशल डायरेक्टर इस कमेटी की अध्यक्षता करेंगे।

ये कमेटी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA), इनकम टैक्स एक्ट एंड फॉरेन कंट्र्ब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट जैसे नियमों के उल्लंघन को लेकर लग रहे आरोपों पर जांच करेगी। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता की ओर से ट्वीट ये जानकारी दी गई। हाल ही में बीजेपी की ओर से गांधी परिवार से जुड़े ट्रस्ट को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए थे।

इससे पूर्व से कांग्रेस की ओर से लगातार पीएम केयर्स फंड पर सवाल उठाए जा रहे हैं। साथ ही कांग्रेस चीन के साथ तनातनी को लेकर भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सही जानकारी नहीं देने का आरोप लगाती रही है।


पिछले ही महीने बीजेपी ने कांग्रेस पर आर्थिक अनियमितताओं का आरोप लगाया था। बीजेपी की ओर से आरोप में कहा गया था कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, उस समय प्रधानमंत्री राहत कोश से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसे दिए गए थे।

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था, 'PMNRF का मकसद लोगों की मदद है लेकिन ये यूपीए के शासन में राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसे दान कर रहा था।'

बीजेपी के आरोपों के अनुसार इसके अलावा ‘टैक्स हैवेन' कहे जाने वाले देश लक्जेमबर्ग से 2006 से 2009 के बीच अनुदान राशि मिली। नड्डा के अनुसार, हवाला कारोबार के लिए लक्जेमबर्ग की एक विशेष पहचान है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि गैर सरकारी संगठनों और कंपनियों ने व्यावसायिक हितों के साथ राजीव गांधी फाउंडेशन को अनुदान राशि देने का काम किया।

नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी निशाना साधा था और आरोप मढ़ा कि जब भारत अपने ‘सबसे बड़े आर्थिक संकट’ से गुजर रहा था, तब 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने राजीव गांधी फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। 

उन्होंने कहा, ‘तब से इसे नियमित रूप से भारत सरकार के मंत्रालयों से अनुदान मिलता रहा है। फिर भी राजीव गांधी फाउंडेशन को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा ऑडिट करने से छूट दी गई। साथ ही फाउंडेशन को सूचना का अधिकार के दायरे में नहीं लाया गया।'

Web Title: MHA sets up committee to investigate into Gandhi family trusts on tax violationa and money laundering

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