महाराष्ट्र सरकार में सब कुछ सही है, ऐसा नहीं लगता है। गठबंधन दलों के बीच आपसी मतभेद कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब इन दलों के बीच का तनाव खुलकर सामने आ गया है। कांग्रेस व एनसीपी दोनों दलों ने सीएम उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम से दूरी बनाने का फैसला किया है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, बीएमसी के महालक्ष्मी स्थित दो ओवर ब्रिज, लोअर परेल स्थित एक ओवर ब्रिज का भूमिपूजन, रानीबाग में जानवरों और पक्षियों के फ्री बर्ड कॉरिडोर का लोकार्पण और मियावाकी (यह एक जापानी वृक्षारोपन पद्धति है, जिसका उद्धेश्य शहरों में वृक्षारोपन को बढ़ावा देना है।) पद्धति से शहरी वनीकरण का शुभारंभ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज करने जा रहे हैं। इस भूमिपूजन और लोकार्पण कार्यक्रम की निमंत्रण पत्रिका और विज्ञापन में बीएमसी गुट नेताओं सहित समिति अध्यक्षों का नाम नदारद है।
यही वजह है कि बीएमसी में कांग्रेस पार्टी के विपक्ष के नेता रवि राजा व एनसीपी नेता राखी जाधव समेत रईस शेख ने कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है।
इसके अलावा बता दें कि शिवसेना पार्टी के सांसद संजय राउत ने शनिवार (25जनवरी) को जानकारी दी है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 7 मार्च 2020 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या का दौरा करेंगे। शिवसेना के सांसद ने कहा कि सरकार के सौ दिन पूरे होने पर ठाकरे तय कार्यक्रम के मुताबिक, अयोध्या में राम मंदिर दर्शन करने जाएंगे। इसके अलावा वो अयोध्या स्थित सरयू नदी पर आरती करेंगे।
ठाकरे का अयोध्या जाने के संबंध में बीजेपी पार्टी ने उनपर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपने साथ राहुल गांधी को भी अयोध्या ले जाना चाहिए। हालांकि, संजय राउत ने इस हमले का जबाव देते हुए पूछा कि क्या बीजेपी जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी अपने साथ अयोध्या दौरे पर ले जाएंगे?