मुंबईः शिवसेना ने राजस्थान में राजनीतिक संकट का जिक्र करते हुए सोमवार को कहा कि फोन टैप करना निजी स्वतंत्रता पर हमला है और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को धन का इस्तेमाल करके गिराना ‘‘धोखा करने’’ के समान है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा कि अब यह फैसला करना है कि दोनों में से बड़ा अपराध कौन सा है। पार्टी ने दावा किया कि राजस्थान में टेलीफोन टैप किए जाने से कई लोगों की असलियत सामने आ गई है। उसने कहा कि यदि कोई कांग्रेस के नेताओं की बातचीत को चुपके से सुनकर उसे पार्टी नेता राहुल गांधी के कानों तक पहुंचा देता है तो कई नए खुलासे होंगे।
उसने दावा किया कि कुछ लोगों ने इस बात का बीड़ा उठाया है कि राहुल गांधी को काम नहीं करने देना है। शिवसेना ने कहा कि इससे पूरे विपक्ष को नुकसान होता है। उसने कहा, ‘‘फोन टैप करना एक अपराध है और यह निजी स्वतंत्रता पर हमला है। लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को धन का इस्तेमाल करके गिराना धोखा है।
यह फैसला करने की आवश्यकता है कि इनमें से बड़ा अपराध कौन सा है
हालांकि यह फैसला करने की आवश्यकता है कि इनमें से बड़ा अपराध कौन सा है।’’ पार्टी ने कहा कि यह फैसला किया गया था कि पैसे देकर राजस्थान सरकार को गिराया जाएगा। उसने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुलासा किया कि सचिन पायलट का अन्याय के खिलाफ विद्रोह झूठ है।
पायलट और भाजपा नेताओं के बीच फोन पर बातचीत से यह बात सामने आई। यह हैरान करने वाला और सनसनीखेज है।’’ शिवसेना ने कहा कि गहलोत सरकार को गिराने के लिए केंद्र ने दबाव और धन की ताकत इस्तेमाल की और कांग्रेस ने ऐसा नहीं होने दिया।
नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अच्छा काम कर रहे हैं देवेंद्र फड़नवीस: शिवसेना
शिवसेना ने भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की प्रशंसा की और कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष की भूमिका का निर्वाह अच्छी तरह कर रहे हैं। सत्ताधारी दल ने यह भी कहा कि फड़नवीस ने राज्य में कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए जन स्वास्थ्य सेवा पर भी संतोष व्यक्त किया जिससे सरकार और कोविड-19 के मरीजों का उत्साहवर्धन हुआ है।
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में कहा, “नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस उतने ही युवा और ऊर्जावान हैं जितने वह मुख्यमंत्री रहते हुए थे। उनका हालिया बयान प्रकाश में आया है जिसमें उन्होंने पार्टी के एक सहकर्मी को बताया कि अगर उनकी जांच में कोरोना वायरस की पुष्टि होती है तो उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए।”