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Madhya Pradesh crisis: भाजपा में बगावत, सीएम कमलनाथ से मिले मैहर से BJP MLA नारायण त्रिपाठी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 16, 2020 17:43 IST

नारायण त्रिपाठी सीएम कमलनाथ से मुलाकात की। मैहर से भाजपा विधायक ने कहा कि वह कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के साथ विधानसभा से कमलनाथ से मिलने पहुंचे थे। मीडिया से बातचीत में नारायण त्रिपाठी ने कहा कि वह क्षेत्र में विकास के नाते सीएम से मिलने गए थे।

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ठळक मुद्देत्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के सिलसिले में सीएम से मुलाकात की।वह कमलनाथ के साथ हैं या भाजपा के साथ तो उन्होंने कहा कि वह सिर्फ विकास के साथ हैं। 

भोपालः मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायक के बाद भाजपा में भी बगावत देखने को मिला है। मैहर से भाजपा एमएलए नारायण त्रिपाठी बैठक में शामिल नहीं हुए। वह नाराज बताए जा रहे हैं।

इस बीच, नारायण त्रिपाठी राज्य के सीएम कमलनाथ से मुलाकात की। मैहर से भाजपा विधायक ने कहा कि वह कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के साथ विधानसभा से कमलनाथ से मिलने पहुंचे थे। मीडिया से बातचीत में नारायण त्रिपाठी ने कहा कि वह क्षेत्र में विकास के नाते सीएम से मिलने गए थे।

भाजपा नेता ने कहा कि जो इलाके का विकास करेगा हम उसके साथ रहेंगे। त्रिपाठी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के सिलसिले में सीएम से मुलाकात की। उनसे मैहर को जिला बनाने की मांग की है। जब उनसे पूछा गया कि वह कमलनाथ के साथ हैं या भाजपा के साथ तो उन्होंने कहा कि वह सिर्फ विकास के साथ हैं। 

वहीं, जब त्रिपाठी से पूछा गया कि कमलनाथ सरकार रहेगी या बचेगी ये अभी तय नहीं है? इस वक्त सीएम से विकास की कैसी बात। इस पर उन्होंने कहा, 'अभी तो सरकार है न। जब नहीं होगी तो देखा जाएगा।' 26 मार्च तक विधानसभा का सत्र स्थगित होने के बाद त्रिपाठी आरिफ मसूद के साथ ही बाहर निकले थे और उन्हीं के साथ कार में बैठकर सीएम हाउस पहुंचे थे।

नारायण त्रिपाठी इससे पहले भी कई मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोल चुके हैं। मध्य प्रदेश के मैहर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने मंगलवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध करते हुए कहा था कि सीएए से देश में गृहयुद्ध जैसी स्थितियां बन रही हैं, जो देश के लिए घातक है।

उन्होंने अपनी ही पार्टी पर सीएए लागू कर देश को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने तंज कसा कि भाजपा को भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान को फाड़कर फेंक देना चाहिए और एक अलग से संविधान बनाकर उसके तहत देश को चलाना चाहिए।

त्रिपाठी ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘जब मैंने महसूस किया तो मैंने सीएए का विरोध किया। ये (मेरे विधानसभा क्षेत्र) मैहर की ही नहीं, हर जगह की स्थिति है। आज हमारे हिन्दुस्तान के हर गली-मोहल्ले में गृहयुद्ध जैसी स्थितियां हैं। ये देश के लिए घातक है।’’

नारायण त्रिपाठी न भाजपा विधायकों के साथ आए और न ही भाजपा विधायकों के साथ गए। हालांकि, भाजपा ने राज्यपाल को जो 106 विधायकों की सूची सौंपी है उसमें नारायण त्रिपाठी का नाम भी शामिल है। सियासी हल्के में नारायण त्रिपाठी के पाला बदलने की चर्चाएं हो रही हैं। त्रिपाठी पहले सपा में थे, फिर कांग्रेस में आए और अब वह भाजपा में है। बता दें कि नारायण त्रिपाठी वही विधायक हैं, जिन्होंने शरद कोल के साथ मिलकर मानसून सत्र के दौरान क्रॉस वोटिंग की थी। कांग्रेस ने इन्हीं 2 विधायकों के अपने साथ होने का दावा किया था।

 

टॅग्स :भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेसकमलनाथशिवराज सिंह चौहानमध्य प्रदेश
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