मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से भोपाल में राज भवन में मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को एक पत्र सौंपा है, जिसमें बीजेपी द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया गया है। सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल से अनुरोध किया गया कि वे 'बेंगलुरु में कैद में रखे गए विधायकों की रिहाई' सुनिश्चित करें।इससे पहले मध्य प्रदेश में सरकार गिरने के खतरे के बीच सीएम कमलनाथ ने विक्ट्री साइन दिखाया। राज्यपाल लालजी टंडन के आवास पर पहुंचते वक्त उन्होंने मीडिया को विक्ट्री साइन (V Sing) दिखाया। बताया जा रहा है कि कमलनाथ सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस दावा कर रही है कि वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित करके दिखाएगी।
कमलनाथ और राज्यपाल के बीच आज सुबह 11 बजे राजभवन में मुलाकात का समय तय था। मौजूदा राजनीतिक हालात के बीच सीएम कमलनाथ की राज्यपाल से मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा था। विधानसभा का सत्र 16 मार्च से है। बीजेपी राज्यपाल के अभिभाषण से पहले फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है। मालूम हो कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के बागी हुए 22 विधायकों में से 19 सिंधिया समर्थक विधायकों ने बेंगलुरु से अपने त्यागपत्र ई मेल के जरिए दो दिन पहले राजभवन भेजे थे। इनमें सिंधिया समर्थक प्रदेश सरकार के छह मंत्री भी शामिल हैं। राज्यपाल को त्यागपत्र भेजने वाले मंत्रियों तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, डॉ प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी, प्रद्युन्न सिंह तोमर और महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने मंगलवार को ई मेल किया था। जबकि इस्तीफा देने वाले विधायकों में हरदीप सिंह डंग, राज्यवर्धन सिंह, ब्रजेन्द्र सिंह यादव, जसपाल जज्जी, सुरेश धाकड़, रक्षा संतराम सिरोनिया, मुन्नालाल गोयल, रणवीर सिंह जाटव, ओपीएस भदोरिया, कमलेश जाटव, गिरीराज दंडोदिया, रघुराज कंषाना, एंदल सिंह कंषाना और बिसाहूलाल सिंह शामिल हैं।