Madhya Pradesh bypoll election: पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने की बगावत, सिंधिया और तुलसी को हराने का संकल्प
By मुकेश मिश्रा | Published: May 19, 2020 04:22 PM2020-05-19T16:22:36+5:302020-05-19T16:22:36+5:30
गुड्डू ने न केवल तुलसी सिलावट को सांवेर उपचुनाव में हराने का दावा किया, वहीं गुड्डू सिंधिया परिवार पर भी निशाना साधने से नहीं चूके। गुड्डू ने आरोप लगाया कि किसानों के मुद्दों पर लगातार सरकारों को चिट्ठियां लिखने वाले सिंधिया आज किसानों से बात करने को तैयार नहीं और ना ही सिलावट किसानों की सुध ले रहे हैं।
इंदौरः मध्य प्रदेश में उपचुनाव की तैयारियों के साथ ही इंदौर जिले की सबसे प्रतिष्ठा पूर्ण मानी जाने वाली सांवेर विधानसभा सीट से आखिरकार कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने जल संसाधन मंत्री और सिंधिया के करीबी तुलसी सिलावट को चुनौती देने का ऐलान कर दिया है।
गुड्डू ने न केवल तुलसी सिलावट को सांवेर उपचुनाव में हराने का दावा किया, वहीं गुड्डू सिंधिया परिवार पर भी निशाना साधने से नहीं चूके। गुड्डू ने आरोप लगाया कि किसानों के मुद्दों पर लगातार सरकारों को चिट्ठियां लिखने वाले सिंधिया आज किसानों से बात करने को तैयार नहीं और ना ही सिलावट किसानों की सुध ले रहे हैं।
सांवेर के किसान ही समर्थन मूल्य से कम कीमतों पर 1400,1500 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं बेचने पर मजबूर हैं। जो सब्जियां लगाई थी वह मंडिया बंद होने के कारण नहीं बिक। पानी के कारण किसानों को खेतों में ही नष्ट करनी पड़ी। आज संकट के इस समय में बड़े-बड़े दावा करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया और सिलावट किसानों और सांवेर के मतदाताओं को धोखा देकर घरों में दुबके हुए हैं।
इस दौरान गुड्डू ने सिंधिया परिवार पर सीधे हमला बोलते हुए कहा स्वतंत्रता संग्राम में महारानी लक्ष्मी बाई को हराने में जिनका योगदान था वह सामंती खुद को जन हितेषी बताकर कांग्रेस को भी धोखा दे चुके हैं। कांग्रेस को धोखा देने के बाद सिंधिया और सिलावट को सांवेर की जनता कभी माफ नहीं करेगी।
कोरोना के कारण लॉकडाउन और कर्फ्यू में सबसे खराब हालत किसानों की हुई है। जो झूठ बोलने वाले भाजपा नेताओं और दल बदलू ओं को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी है। उपचुनाव में सिंधिया और तुलसी की हार सांवेर में तय है। जिसके लिए कांग्रेस का कार्यकर्ता एकजुट होकर मैदान संभालने को तैयार है।
गौरतलब है प्रेमचंद गुड्डू फिलहाल भाजपा में है लेकिन माना जा रहा है कि सीधे तौर पर सिंधिया और तुलसी सिलावट की मुखालफत करने पर उनके खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई तय है। वैसे भी जब से गुड्डू भाजपा में आए है उन्हें कोई तजब्बो नहीं मिली। विधानसभा चुनाव के समय उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उनके पुत्र को उज्जैन जिले के घाटिया या आलोट से टिकट देगी लेकिन हाथ खाली रहा।
लोकसभा चुनाव में भी गुड्डू उज्जैन या देवास शाजापुर संसदीय क्षेत्र से टिकट के लिए प्रयास करते रहे लेकिन उन्हें भाजपा नेतृत्व ने कोई भाव नहीं दिया। गुड्डू वापस कांग्रेस में जाने के लिए बैचेन थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थक गुड्डू की राह में सबसे बड़ा रोड़ कमलनाथ ख़ेमे के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह थे।
उन्होंने उस समय गुड्डू के वापस कांग्रेस में आने का विरोध किया था। हॉलाकि अभी भी गुड्डू की राह कांग्रेस में आने के लिए आसान नहीं है। उनके लिए दिग्विजय सिंह प्रयासरत है। वे कमलनाथ को मनाने में जुटे हुए है। यदि कांग्रेस को सिंधिया से बदलना लेना है तो गुड्डू से अच्छा कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं मिल सकता। क्योंकि गुड्डू सिंधिया के सबसे बड़े विरोधियों में गिने जाते है। जब वे कांग्रेस में थे तब इंदौर में रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में सिंधिया के शामिल होने का विरोध किया था।