नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आज दिल्ली पहुंचे। मनोज सिन्हा ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। मनोज सिन्हा ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के रूप में शपथ ली थी।
राष्ट्रपति से मुलाकात कर राज्य के मुद्दे पर चर्चा की। राष्ट्रपति से मिलने के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से आज उनके आवास पर मुलाकात की। प्रधानमंत्री से मिलने की उम्मीद है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के तौर पर शुक्रवार को शपथ लेने के बाद मनोज सिन्हा ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन अनिश्चितता की स्थिति और आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए जल्द लोगों से “सीधा संवाद“ शुरू करेगा।
जम्मू-कश्मीर की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने राज भवन में आयोजित , सादगीपूर्ण कार्यक्रम में 61 वर्षीय सिन्हा को पद की शपथ दिलाई। उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रदेश में विकास को गति देना चाहते हैं। सिन्हा ने शपथ लेने के बाद संवाददाताओं से कहा, “पांच अगस्त जम्मू-कश्मीर के इतिहास में बहुत खास दिन है। कई वर्षों के अलगाव के बाद, जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल हुआ। मुझे बताया गया कि कई काम जो वर्षों में पूरे नहीं हुए थे, उन्हें पिछले एक साल में पूरा कर लिया गया।”
उन्होंने कहा, “मैं उस विकास को गति देना चाहता हूं।” पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को खत्म कर दिया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों-- जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में बांट दिया गया था। अपनी प्राथमिकताएं रेखांकित करते हुए, सिन्हा ने शांति और स्थिरता की वकालत की और कहा कि संविधान की शक्ति का इस्तेमाल लोगों की भलाई और जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमें जम्मू कश्मीर के आम लोगों से संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें हमारा कोई एजेंडा नहीं है, किसी के भी खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होगा। इसमें संविधान गीता होगी।’’ सिन्हा ने कहा कि लोगों के साथ संवाद की प्रक्रिया कुछ दिनों में शुरू होगी। उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में शांति एवं स्थिरता कायम होनी चाहिए। अनिश्चितता की स्थिति खत्म होनी चाहिए, आतंकवाद का खात्मा होना चाहिए। तेजी से विकास करने के साथ इन सभी को हासिल करना हमारा उद्देश्य, हमारा मिशन होगा।’’