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राज्यसभा चुनाव सिर पर-'आप' की रार सड़क पर, कुमार विश्वास बोले- अभिमन्यु के वध में भी विजय

By आदित्य द्विवेदी | Updated: December 29, 2017 12:23 IST

राज्यसभा के टिकट की यह रार धीरे-धीरे पार्टी के दो धुरों के बीच वर्चस्व की जंग में बदलती जा रही है।

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ठळक मुद्देराज्यसभा के लिए 16 जनवरी को चुनाव होंगे, नामांकन की आखिरी तारीख 5 जनवरी हैआम आदमी पार्टी ने अभी तक राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार तय नहीं किया हैकुमार विश्वास पहले भी राज्यसभा के लिए अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं

राज्यसभा टिकट को लेकर आम आदमी पार्टी में घमासान सड़क तक आ पहुंचा है। गुरुवार को कुमार विश्वास समर्थकों ने राज्यसभा भेजने की मांग को लेकर पार्टी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। पार्टी के मीडिया मैनेजर विकास योगी का कहना है कि यह पार्टी कार्यालय पर बीजेपी प्रायोजित हमला है। वहीं कुमार समर्थकों का कहना है कि पार्टी की पूरी शक्तियां अरविंद केजरीवाल पर केंद्रीकृत हो गई है। पार्टी कार्यालय पर समर्थकों का जमावड़ा देख कुमार विश्वास ने ट्वीट किया जिसके बाद यह प्रदर्शन खत्म किया गया। कुमार ने लिखा, 'मैनें आप सब से सदा कहा है, पहले देश, फिर दल, फिर व्यक्ति. आम आदमी पार्टी मुख्यालय पर जमा कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि स्वराज, Back2Basic,पारदर्शिता के मुद्दों के लिए संघर्ष करें। मेरे हित-अहित के लिए नहीं. स्मरण रखिए अभिमन्यु के वध में भी उसकी विजय है।'

राज्यसभा के टिकट की यह रार धीरे-धीरे पार्टी के दो धुरों के बीच वर्चस्व की जंग में बदलती जा रही है। राज्यसभा के लिए 16 जनवरी को चुनाव होना और नामांकन की अंतिम तिथि 5 जनवरी है। बता दें कि कुमार विश्वास पहले भी राज्यसभा जाने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक इस पर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन राज्यसभा के लिए आशुतोष और संजय सिंह के नामों की सुगबुगाहट भी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पार्टी ने अभी तक बाहर की कई नामचीन हस्तियों से राज्यसभा में भेजने के लिए संपर्क साधा है। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि अभी पीएसी की बैठक नहीं हुई है। तीन-चार जनवरी को इसकी बैठक होगी। इसमें राज्य सभा भेजे जाने वाले नामों पर चर्चा होगी।

My View:  यह तो स्पष्ट है कि यह साल पार्टी के लिए खासा उतार-चढ़ाव भरा रहा और आगे आने वाला समय भी पार्टी के लिए कांटों भरा रहने वाला है। दिल्ली की सत्ता के गलियारों से शुरू हुआ सफर कई राज्यों में हार के बाद दिल्ली की राजनीति तक ही सिमटता दिख रहा है। ऐसे में पार्टी शीर्ष नेतृत्व को आपकी मतभेद दूर करके आगे की रणनीति पर काम करना चाहिए।

टॅग्स :आम आदमी पार्टीकुमार विश्वासअरविन्द केजरीवाल
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