कोविड-19ः केंद्रीय टीम और पश्चिम बंगाल में ठनी, सहायता और जानकारी नहीं दे रही सरकार
By भाषा | Updated: April 25, 2020 19:39 IST2020-04-25T19:39:10+5:302020-04-25T19:39:10+5:30
भारत में कोरोना वायरस मामलों की कुल संख्या 24,942 हो गई है, इसमें 18,953 सक्रिय मामले, 5210 ठीक / विस्थापित मामले और 779 मौतें शामिल हैं। पिछले 24 घंटों में 1490 नए मामले और 56 मौतें दर्ज की गईं हैं।

सिन्हा को लिखे दो पत्रों में से एक में कहा, “अभी तक राज्य सरकार को चार पत्र लिखे जा चुके हैं जिसका कोई जवाब नहीं मिला है। (file photo)
कोलकाताःपश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने के लिए राज्य के दौरे पर पहुंची केंद्र सरकार की एक टीम ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार आवश्यक सहायता और अन्य जरूरी सूचनाएं देने में सहयोग नहीं कर रही है।
वरिष्ठ अधिकारी अपूर्व चंद्रा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की अंतर-मंत्रालयी टीम ने मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखे एक पत्र में यह भी जानने की इच्छा जताई कि दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होकर राज्य में लौटे व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें पृथक-वास में भेजने के लिए ममता बनर्जी सरकार ने क्या किया।
चंद्रा ने कहा कि टीम सोमवार को शहर में पहुंच गई थी लेकिन सिन्हा को लिखे पत्रों का जवाब अभी तक राज्य सरकार की ओर से नहीं मिला है। उन्होंने शनिवार को सिन्हा को लिखे दो पत्रों में से एक में कहा, “अभी तक राज्य सरकार को चार पत्र लिखे जा चुके हैं जिसका कोई जवाब नहीं मिला है।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने कहा है कि अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम कहीं भी जाने को स्वतंत्र है और राज्य सरकार उसके साथ जाकर अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहती।” चंद्रा ने कहा, “इस प्रकार की प्रतिक्रिया केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश का उल्लंघन है और राज्य सरकार से आवश्यक सहायता और सुविधा अपेक्षित है।”
केंद्रीय टीम ने बंगाल में कोविड-19 मौत के कारणों की जांच करने वाली समिति के साथ बातचीत की इजाजत मांगी
कोराना वायरस संकट से पैदा हुई स्थिति का आकलन करने के लिये कोलकाता का दौरा कर रही केंद्रीय टीम ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार को एक पत्र लिख कर कोविड-19 संक्रमण से होने वाली मौत के कारणों की जांच करने वाली समिति के कामकाज के बारे में एक विस्तृत ब्योरा मांगा। साथ ही, समिति के सदस्यों के साथ बातचीत करने की भी इजाजत देने की मांग की। राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखे एक पत्र में वरिष्ठ अधिकारी अपूर्व चंद्रा के नेतृत्व वाली केंद्रीय टीम ने कोविड-19 रोगियों की मौत की घोषणा को चिकित्सकों की समिति द्वारा मंजूरी देने की प्रक्रिया के बारे में जानना चाहा है।
दरअसल, विभिन्न हलकों से ये आरोप लगे हैं कि राज्य सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के मामले और इससे होने वाली मौत के आंकड़े छिपा रही है। चंद्रा ने सिन्हा को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ 23 अप्रैल को प्रधान स्वास्थ्य सचिव ने चिकित्सकों की समिति गठित किये जाने के लिये कुछ कारण बताये । साथ ही, यह भी जिक्र किया था कि यदि किसी कोविड-19 मरीज की मौत सड़क दुर्घटना में होती है, तो कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाला मरीज नहीं कहा जा सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) ने सहमत करने वाली कोई वजह नहीं पाई।’’ टीम ने उन सभी कोविड-19 मरीजों का केस रिकार्ड मांगा है, जिनमें मौत का कारण समिति द्वारा कुछ और बताया गया है। चंद्रा ने कहा, ‘‘हम यह जानना चाहते हैं कि क्या समिति भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) दिशानिर्देशों या मेडिकल प्रैक्टिस के अनुरूप है।’’ चंद्रा ने बृहस्पतिवार को कोलकाता में अस्पतालों और कुछ पृथक-वास के अपने दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया अव्यवस्थित है और रोगियों के लिये प्रतीक्षा स्थल पर सामाजिक मेलजोल से दूरी का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान और बांगुर अस्पताल के पृथक वार्डों में काफी संख्या में रोगी पाये गये, जो पांच दिनों या उससे अधिक समय से जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने अपने पत्र में कहा, ‘‘यह स्पष्ट नहीं है कि जांच के नतीजे आने में इतना वक्त क्यों लग रहा है और अस्पताल में मौजूद अन्य लोगों को संक्रमण हो सकता है।’’