किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, कांग्रेस ने कहा-देश से पीएम मोदी मांगे माफी, तीनों कानूनों को रद्द करे

By शीलेष शर्मा | Published: January 11, 2021 05:43 PM2021-01-11T17:43:40+5:302021-01-11T17:45:17+5:30

कांग्रेस महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय राजनीतिक मुद्दों का निर्णय करता है, राजनीतिक बेइमानी से खेती को पूंजीपतियों के दरवाजे पर बेचने की साज़िश का नहीं।’’

kisan andolan farmers protest Supreme Court Congress attack PM narendra Modi comment movement  | किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, कांग्रेस ने कहा-देश से पीएम मोदी मांगे माफी, तीनों कानूनों को रद्द करे

सरकार अहंकार में डूब कर किसानों की मांगों को अनदेखा कर रही। (file photo)

Highlightsन्यायालय ने कहा कि इस विवाद का समाधान खोजने के लिये वह अब एक समिति गठित करेगी।सरकार और देश भर के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा। पीठ ने कहा, ‘‘मिस्टर अटॉर्नी जनरल, हम पहले ही आपको काफी समय दे चुके हैं, कृपया संयम के बारे में हमें भाषण मत दीजिये।’’

नई दिल्लीः सर्वोच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणियों और करारी फटकार के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से देश के किसानों से माफ़ी मांगने की मांग की है।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी की ओर से यह मांग उठाते हुए साफ किया कि जब तक सरकार तीनों काले कानून समाप्त नहीं करती तब तक किसान वापस नहीं लौटेंगे। उनका तर्क था कि यह सरकार अहंकार में डूब कर किसानों की मांगों को अनदेखा कर रही।

जिसकी पुष्टि सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी टिप्पणियों में कर दी है। इन टिप्पणियों के बाद सरकार के पास एक ही रास्ता है कि वह तीनों क़ानून वापस ले। दूसरी ओर हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी सरकार किसानों पर ज़ुल्म ढाने  पर आमादा है, जिसका नतीजा कल किसान पंचायत में देखने को मिल चुका है।

कांग्रेस ने खट्टर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाया कि वे किसानों को विरोध प्रकट करने के लिए दिल्ली आने से राज्यों की सीमाओं पर रोक रहे हैं। पानी की बौछार, सड़कों को खोदने, लाठीचार्ज जैसे रास्तों को अपना कर आंदोलन को विफल करने की कोशिश में जुटे हैं, ये कारण है कि किसान उग्र हो रहा यही, जिसकी बानगी कल हरियाणा में देखने को मिल चुकी है।  

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर जिस तरह से केन्द्र और किसानों के बीच बातचीत चल रही है, उससे वह ‘‘बेहद निराश’’ है। प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, ‘‘ क्या चल रहा है? राज्य आपके कानूनों के खिलाफ बगावत कर रहे हैं।’’

उसने कहा, ‘‘ हम बातचीत की प्रक्रिया से बेहद निराश हैं।’’ पीठ ने कहा, ‘‘ हम आपकी बातचीत को भटकाने वाली कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते लेकिन हम इसकी प्रक्रिया से बेहद निराश हैं।’’ पीठ में न्यायमूर्ति एस. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमणियन भी शामिल थे। 

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