इकबाल को ‘आप’ में शामिल करके केजरीवाल ने साबित किया, वह वोट बैंक की राजनीति के लिए कुछ भी करेंगेः पात्रा
By भाषा | Published: January 10, 2020 08:05 PM2020-01-10T20:05:56+5:302020-01-10T20:05:56+5:30
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले इकबाल को पार्टी में शामिल करने के लिए केजरीवाल की आलोचना की। पात्रा ने कहा, ‘‘ इकबाल को ‘आप’ में शामिल करके केजरीवाल ने साबित कर दिया है कि वह वोट बैंक की राजनीति के लिए कुछ भी कर सकते हैं।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शोएब इकबाल को आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल करने को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ज़ोरदार हमला बोलते हुए दावा किया कि मटिया महल से पांच बार के पूर्व विधायक कई मामलों में दोषी करार दिए जा चुके हैं और दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी वोट बैंक की राजनीति के लिए कुछ भी करेगी।
यहां पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले इकबाल को पार्टी में शामिल करने के लिए केजरीवाल की आलोचना की। पात्रा ने कहा, ‘‘ इकबाल को ‘आप’ में शामिल करके केजरीवाल ने साबित कर दिया है कि वह वोट बैंक की राजनीति के लिए कुछ भी कर सकते हैं।’’
पात्रा ने आरोप लगाया कि शोएब इकबाल के बेटे (आले मोहम्मद इकबाल) ने संशोधित नागरिकता कानून के विरुद्ध प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने दावा किया कि शोएब इकबाल को कई मामलों में दोषी ठहराया गया है और उनके खिलाफ कई गंभीर आरोपों में मामले हैं।
गौरतलब है कि अलग अलग पार्टियों से मटिया महल से पांच बार विधायक रहे शोएब इकबाल बृहस्पतिवार को अपने पार्षद बेटे आले मोहम्मद इकबाल और पार्षद रिश्तेदार सुल्ताना आबाद के साथ केजरीवाल की मौजूदगी में ‘आप’ में शामिल हो गए थे। शोएब इकबाल कांग्रेस से जुड़े हुए थे।
शोएब इकबाल का आप में जाना कांग्रेस की उम्मीदों के लिये झटके का संकेत ?
दिल्ली विधानसभा चुनाव से करीब एक महीने पहले पूर्व विधायक शोएब इकबाल के आम आदमी पार्टी में शामिल होने को मुस्लिम बहुल सीटों पर कांग्रेस की उस उम्मीद को झटका लगने का संकेत माना जा रहा है, जो उसने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का खुलकर विरोध करते हुए इन सीटों पर मतदाताओं को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए लगा रखी है।
पुरानी दिल्ली की मटियामहल इलाके से कई बार विधायक रहे इकबाल बृहस्पतिवार को कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए। दिल्ली कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने इसे पार्टी के लिए झटका मानने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘इकबाल को यह पहले से पता था कि मटियामहल इलाके में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते उन्हें टिकट नहीं मिलने वाला है। ऐसे में उन्होंने पार्टी छोड़ी है। इससे कांग्रेस की संभावना कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’’
दूसरी तरफ, दिल्ली कांग्रेस के एक वरिष्ठ मुस्लिम नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘निश्चित तौर पर यह झटका है। लेकिन हमारा यह मानना है कि सीएए के मुद्दे पर कांग्रेस ने जिस तरह से खुलकर आवाज उठाई है, उससे मुस्लिम समुदाय को पता चल गया है कि उनके हितों के लिए कौन लड़ रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी ने सीएए का खुलकर विरोध नहीं किया क्योंकि यह भाजपा की बी पार्टी है। आप देखेंगे कि इस चुनाव में इसका असर दिखेगा।’’ कांग्रेस नेताओं का मानना है कि जामिया मिल्लिया में पुलिस की कार्रवाई, सीएए विरोधी प्रदर्शनों पर पार्टी ने जिस तरह से खुलकर अपनी बात रखी है उसे दिल्ली में मुस्लिम समुदाय के वोटरों का व्यापक समर्थन मिलेगा।