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कर्नाटक में राजनीति उठापटक बढ़ी, गुरूग्राम में BJP विधायकों से मिल सकते हैं येदियुरप्पा

By भाषा | Updated: January 17, 2019 05:40 IST

राज्य के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि स्थिति ‘नियंत्रण’ में है और चिंता की कोई बात नहीं है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कुछ मंत्रियों ने व्यापक हित में तथा अटूट गठबंधन बनाए रखने के लिए इस्तीफे की पेशकश की है। पार्टी नेतृत्व इस विकल्प पर भी विचार कर रहा है।

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कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन और भाजपा के बीच बुधवार को आरोप-प्रत्यारोप और बढ़ गया। दोनों ही खेमे अपने विधायकों को एकजुट रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल दलों ने भाजपा पर सरकार गिराने का कथित रूप से प्रयास करने का आरोप लगाया है जबकि भाजपा के विधायक खरीद फरोख्त के प्रयासों के डर से गुरूग्राम के एक रिसॉर्ट में बने हुए हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि स्थिति ‘नियंत्रण’ में है और चिंता की कोई बात नहीं है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कुछ मंत्रियों ने व्यापक हित में तथा अटूट गठबंधन बनाए रखने के लिए इस्तीफे की पेशकश की है। पार्टी नेतृत्व इस विकल्प पर भी विचार कर रहा है।

अभी यह पता नहीं चला है कि भाजपा के 104 विधायक रिसॉर्ट में कब तक रहेंगे। ये विधायक पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने नयी दिल्ली गये थे लेकिन अब गुरूग्राम में मौजूद हैं।

इस बीच, सूत्रों ने कहा कि भाजपा के कर्नाटक इकाई प्रमुख बी एस येदियुरप्पा रिसॉर्ट में पार्टी विधायकों से मुलाकात करके राज्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक पार्टी के शीर्ष नेताओं से कर्नाटक लौटने की हरी झंडी मिलने तक गुरूग्राम में ही रूकेंगे।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के महासचिव प्रदीप सिंह के नेतृत्व में करीब 20 युवा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने रिसॉर्ट के बाहर राजग सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन करने वालों ने आरोप लगाया कि भाजपा देश में ‘‘संविधान का अपमान कर रही है और लोकतंत्र की हत्या’’ कर रही है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने बेंगलुरू में सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा भाजपा विधायकों की खरीद फरोख्त के किसी ‘अभियान’ से इंकार करते हुए कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और उनके पास पर्याप्त संख्याबल है।

कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘सबकुछ नियंत्रण में है... चिंता की बात नहीं है।’’ कुमारस्वामी से पूछा गया था कि क्या सत्तारूढ गठबंधन भी भाजपा के विधायकों को रिझाने के लिए अभियान चलाएगी। कुमारस्वामी सरकार को मंगलवार को उस समय झटका लगा था जब दो निर्दलीय विधायकों ने उससे समर्थन वापस ले लिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा से पूछना चाहते हैं कि उनकी पार्टी के विधायकों को मकर संक्रांति मनाने के लिए ले जाया गया है या किसी अन्य कारण से।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मीडिया में आई खबरों के विपरीत उनकी पार्टी के विधायकों को किसी रिसॉर्ट में नहीं ले जाया जा रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी को रिसॉर्ट में लेकर नहीं जा रहे हैं, इसकी कोई जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं मीडिया से खुद को तथा राज्य की जनता को बेवकूफ नहीं बनाने का अनुरोध करता हूं।’’ 

कुमारस्वामी ने दोहराया कि कांग्रेस के जो पांच विधायक मुंबई में कथित रूप से भाजपा के नियंत्रण में हैं वे उनके संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बीते तीन दिन से कह रहा हूं कि वे मेरे संपर्क में हैं, मुझे सारे घटनाक्रम की जानकारी है।’’ 

यह पूछे जाने पर कि क्या पांच विधायकों से संपर्क किया जा सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि अन्य उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हों लेकिन मैं उनसे संपर्क कर सकता हूं...’’ 

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस-जद(एस) सरकार ‘‘स्थिर और मजबूत’’ है। उन्होंने भाजपा पर राज्य सरकार को अस्थिर करने के प्रयास का आरोप लगाया। कांग्रेसी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि उनकी पार्टी का कोई विधायक इस्तीफा नहीं देने वाला है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा एक भी विधायक कांग्रेस नहीं छोड़ने वाला है।मैंने अपने विधायकों से संपर्क किया है और इसलिए मैं यह पूरे विश्वास से कह रहा हूं। असल में, बृहस्पतिवार की शाम तक आपको कर्नाटक के बारे में स्पष्ट तस्वीर दिख जाएगी।’’ 

कांग्रेस के ‘‘संकटमोचक’’ माने जाने वाले मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि कुमारस्वामी नीत सरकार को कोई खतरा नहीं है और येदियुरप्पा एकबार फिर मुख्यमंत्री बनने का ‘‘दिन में सपना’’ देख रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के सात आठ विधायक उनके संपर्क में हैं।

इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने कहा, ‘‘सारा भ्रम भाजपा ने पैदा किया है। क्या इसकी सच में जरूरत थी? उन्होंने नैतिकता को भूलकर यह सब किया। यह शर्मनाक है।’’

उधर, उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर और कांग्रेसी नेता सिद्धरमैया ने वेणुगोपाल से मुलाकात की और उनके साथ मंथन किया। कांग्रेस ने वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा के लिए 18 जनवरी को यहां अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। 

सोमवार को कर्नाटक में उस समय राजनीतिक वाकयुद्ध शुरू हो गया था जब दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। दो विधायकों एच नागेश (निर्दलीय) और आर शंकर (केपीजेपी) ने मंगलवार को राज्यपाल वाजूभाई वाला को पत्र लिखकर उन्हें गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के अपने फैसले से अवगत कराया था।

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