कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर पांच दिसंबर को उपचुनाव होना है। इस बीच भाजपा ने कर्नाटक विधानसभा उपचुनावों में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे दो बागियों को निष्कासित कर दिया।
हाल में उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस-जद(एस) के 17 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था, जिसके चलते इन सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए कुल 248 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं।
कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा ने बागियों शरत बाचेगौड़ा और कविराज उर्स को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए बृहस्पतिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। दोनों आगामी विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा ने होसकोटे विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे बाचेगौड़ा और विजयनगर से चुनाव लड़ रहे उर्स को लिखे अलग-अलग पत्रों में कहा कि पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ उनके चुनाव लड़ने को पार्टी विरोधी गतिविधि के तौर पर देखा जा रहा है। भाजपा ने बुधवार को पार्टी बागियों से कहा था कि वे बृहस्पतिवार शाम तक अपनी उम्मीदवारी वापस ले लें। राज्य में पांच दिसम्बर को 15 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए नाम वापस लेने के वास्ते बृहस्पतिवार आखिरी दिन था।
कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव में बेल्लारी जिले की विजयनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार आनंद सिंह का सामना अपनी ही पार्टी के बागी नेता कविराज उर्स से होगा, जो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया है। भाजपा ने इसे पार्टी से निकाल दिया। कर्नाटक विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने कांग्रेस की शिकायत पर उन्हें पार्टी गतिविधियों के आरोप में अयोग्य घोषित कर दिया था। सिंह हाल में भाजपा में शामिल हो गए थे।
भाजपा द्वारा कांग्रेस-जद(एस) से आए नेताओं को टिकट देने को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष पैदा हो गया है। उर्स ने बेल्लारी में आनंद और भाजपा विधान पार्षद रवि कुमार की मौजूदगी में कहा, "आनंद सिंह और मैं मित्र हूं। हम साथ बढ़े, लेकिन जब चुनाव की बात आती है, तो कुछ मतभेद सामने आ जाते हैं। मैं नामांकन पत्र दाखिल करूंगा। पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है।"
सबसे ज्यादा 28 उम्मीदवारों ने शिवाजीनगर क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल किया है। इसके बाद 27 उम्मीदवारों ने होस्कोटे सीट से नामांकन दाखिल किया है। नामांकन पत्रों की जांच मंगलवार को होगी और नाम वापस लेने की अंतिम तारीख 21 नवंबर है। वोटों की गिनती नौ दिसंबर को होगी। राज्य में उपचुनाव की जरूरत कांग्रेस-जद(एस) के 17 विधायकों द्वारा इस्तीफा देने और शक्ति परीक्षण के दौरान अनुपस्थित रहने से हुई। इससे एच डी कुमारस्वामी की सरकार गिर गई थी और भाजपा सत्ता में आई।