राज्यसभा चुनावः भाजपा और कांग्रेस में शह मात जारी, विधायकों पर टिकी हैं सभी की निगाहें, शिबू सोरेन सहित तीन प्रत्याशी मैदान में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 13, 2020 07:33 PM2020-06-13T19:33:57+5:302020-06-13T19:33:57+5:30
झामुमो प्रत्याशी शिबू सोरेन का राज्यसभा पहुंचना तय है़. वहीं, दूसरी सीट पर भाजपा के दीपक प्रकाश भी चुनावी आंकडे़ के पास हैं. लेकिन भाजपा की दो से अधिक वोटों पर सेंधमारी हुई, तो मामला इधर-उधर हो सकता है
रांचीः झारखंड में होने जा रहे राज्यसभा चुनाव को लेकर चौसर बिछ चुका है. यूपीए और भाजपा के तरफ से शह और मात की चालें चली जाने लगी हैं. राज्य में दो सीटों के लिए हो रहे चुनाव में झामुमो की एक सीट पक्की है.
झामुमो प्रत्याशी शिबू सोरेन का राज्यसभा पहुंचना तय है़. वहीं, दूसरी सीट पर भाजपा के दीपक प्रकाश भी चुनावी आंकडे़ के पास हैं. लेकिन भाजपा की दो से अधिक वोटों पर सेंधमारी हुई, तो मामला इधर-उधर हो सकता है. इस तरह से राज्यसभा के चुनाव में खेल के आंकडे़ में यूपीए ने दो उम्मीदवार उतार कर चुनाव को रोचक बना दिया है.
इधर, भाजपा विधायक ढुल्लू महतो पर कानूनी शिकंजा है. वह जेल में कैद हैं. हालांकि वह कोर्ट की अनुमति लेकर मतदान के लिए आ सकते हैं. लेकिन सत्ता पक्ष रास्ते में अड़ंगा लगा सकता है. वहीं, सरयू राय ने भी अब तक अपना पत्ता नहीं खोला है. ऐसे में यूपीए की कोशिश होगी कि भाजपा के ग्राफ को 27 से नीचे रखा जाये.
इसके बाद दूसरी प्राथमिकता के सहारे सीट निकालने की कोशिश हो़. हालांकि यूपीए गठबंधन कोई बड़ा उलटफेर करने में सक्षम होता है, तभी कांग्रेस के शहजादा अनवर के लिए कोई रास्ता निकल सकता है. वैसे, झारखंड में राज्यसभा चुनाव में खेल होते रहे हैं. विधायकों को लोगों ने पाला बदलते देखा है.
झामुमो के ही बसंत सोरेन पिछले राज्यसभा चुनाव में भाजपा के हाथों मात खा चुके हैं. उस चुनाव में भी राजनीति ने करवट ली थी़. उधर, धीरज साहू के चुनाव के समय भी खूब सीन बना था. यूपीए फोल्डर के ही कई विधायकों ने चूक की थी. यूपीए के विधायकों की भूमिका पर ही सवाल उठे थे.
झारखंड में झामुमो के 29 विधायक हैं
झारखंड में झामुमो के 29 विधायक हैं. हेमंत सोरेन के दुमका छोड़ने के बाद. जबकि कांग्रेस 17 विधायक हैं. वह भी राजेंद्र सिंह के निधन और प्रदीप यादव एवं बंधु तिर्की के साथ आने के बाद. वहीं, राजद, माले व एनसीपी के एक-एक वोट हैं. इस तरह से कुल 49 विधायकों के वोट है.
वहीं, एनडीए के साथ भाजपा के 26 विधायक हैं, जबकि आजसू के 02 विधायक हैं. वहीं, 01 निर्दलीय भाजपा के साथ है. इस तरह से भाजपा के पाले में कुल 29 विधायकों के वोट हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि लोकतंत्र में सरकार आती है, जाती है. लेकिन, राजनीतिक मर्यादा खत्म नहीं होनी चाहिए.
जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि को पुलिस-प्रशासन बेवजह परेशान कर रही है. लोकतांत्रिक मर्यादा का हनन किया जा रहा है. भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि भाजपा को न्यायालय पर पूरा भरोसा है. कानून को अपना काम भी करना चाहिए, लेकिन जनता के चुने हुए.
राज्यसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन के पास स्पष्ट बहुमत है
जनप्रतिनिधि के साथ पुलिस प्रशासन का व्यवहार गलत है. झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन के पास स्पष्ट बहुमत है. गुरुजी का निकलना तय है, वहीं हमारे दूसरे उम्मीदवार के पास भी आंकडे़ हैं.
भाजपा को अपना घर बचाना चाहिए़ हम कुछ नहीं कर रहे है. अगर राज सिन्हा-शेखर अग्रवाल, भाजपा विधायक अपने ही सांसद से लड़ रहे हैं तो इसमें झामुमो कहां है? अंतरआत्मा की आवाज पर हमारे साथ विधायक आ सकते हैं. भाजपा से कई विधायक नाराज है हम साफ-सुथरी राजनीति करते हैं.
शिबू सोरेन को झामुमो के ही लोग पहली प्राथमिकता के 29 वोट दे देते हैं, तो आसानी से निकल जायेंगे़. इसके बाद कांग्रेस के पास 21 वोट बचेंगे़. उधर, भाजपा खेमे में किसी तरह की गड़बड़ी हुई, मामला 26 से नीचे आया, तो दूसरी प्राथमिकता का खेल चलेगा. इस तरह झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक चालें चली जा रही हैं. अब चुनाव के वक्त ही पता चल पायेगा कि विधायकों को अपने पाले में लाने में कौन दल भारी पड़ा.