सीटों के बंटवारे पर जेडीयू का सख्त रुख, बोली- बीजेपी चाहे तो सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़े

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: June 26, 2018 03:01 IST2018-06-26T03:00:17+5:302018-06-26T03:01:18+5:30

सीटों के बंटवारे पर दोनों पार्टियों के बीच चल रही रस्साकशी के बीच जदयू ने साफ कर दिया है कि भाजपा को बहुत अच्छे से पता है कि बिहार में नीतीश कुमार के बिना चुनाव जीतना आसान नहीं होगा।

JD (U) has its strong stand on the sharing of seats, BJP is free to contest all the 40 seats | सीटों के बंटवारे पर जेडीयू का सख्त रुख, बोली- बीजेपी चाहे तो सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़े

सीटों के बंटवारे पर जेडीयू का सख्त रुख, बोली- बीजेपी चाहे तो सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़े

एस.पी. सिन्हा।

पटना, 26 जूनः 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच एनडीए के घटक दलों में सीटों को लेकर खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है। दरअसल, बिहार में जेडीयू और बीजेपी के बीच बात बनती दिख नहीं रही है। जेडीयू जहां 25 सीटों की मांग कर रही है तो वहीं बीजेपी 22 सीटों से कम पर लड़ने को राजी नहीं है। सीटों के बंटवारे पर दोनों पार्टियों के बीच चल रही रस्साकशी के बीच जदयू ने साफ कर दिया है कि भाजपा को बहुत अच्छे से पता है कि बिहार में नीतीश कुमार के बिना चुनाव जीतना आसान नहीं होगा। अगर भाजपा को सहयोगी पार्टी की जरूरत नहीं है तो वह बिहार में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है।

जेडीयू नेता व प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुत फर्क है। उन्होंने कहा कि राज्य के बीजेपी नेता जो हेडलाइन बनना चाहते हैं, उन्हें नियंत्रण में रखा जाना चाहिए। बावजूद इसके जेडीयू एनडीए के घटक दलों के बीच व्यापक समझौते की उम्मीद लगाए हुए है, ताकि 2019 के लोकसभा और 2020 में बिहार के विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्येक पार्टी की सीटों की हिस्सेदारी निर्धारित हो सके।

इससे पहले जेडीयू कह चुकी है कि नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ आने के बाद 2009 की स्थिति बन गई है, तब जदयू 25 और भाजपा 15 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी। दूसरी तरफ बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव के आधार पर नया समझौता करना चाहती है। 2014 में भाजपा ने 22 सीटें, लोजपा ने छह व रालोसपा ने तीन लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।

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एनडीए के अन्य सहयोगी दलों में बेचैनी

2013 में जेडीयू के बीजेपी के साथ रहने तक वह लोकसभा और विधानसभा सीटों दोनों में बड़े भाई की भूमिका में था। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू के बाहर जाने के बाद बीजेपी, एलजेपी व रालोसपा को 40 में 31 सीटों पर जीत मिली थी और अलग लड़ी जेडीयू दो पर सिमट गई थी। ऐसे में जेडीयू को सीटें बढ़ाकर देने को लेकर अन्य दलों में बैचेनी है। बीजेपी और उसकी दो सहयोगी पार्टियों लोजपा और रालोसपा की ओर से जेडीयू की मांग पर सहमति के आसार न के बराबर हैं।

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Web Title: JD (U) has its strong stand on the sharing of seats, BJP is free to contest all the 40 seats

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