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रोमिला थापर विवादः स्पष्ट है कि जेएनयू के नए प्रबंधन को इस बारे में कुछ समझ नहीं, लोगों को शिक्षा के बारे में कोई समझ नहीं हैः थरूर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 6, 2019 18:09 IST

थरूर ने कहा, ‘‘जब कोई प्रोफेसर सेवानिवृत्त होता है या सेवानिवृत्ति के लिए तय आयु तक पहुंचता है तो विश्वविद्यालय उस व्यक्ति के साथ अपना संबंध खत्म नहीं करना चाहता। ऐसे में ऐमिरट्स का दर्जा दिया जाता है।’’

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ठळक मुद्देउन्होंने कहा, ‘‘यह मामला दोतरफा होता है। प्रोफेसर का संस्थान से संबंध होता है, लेकिन उसकी कोई बाध्यता नहीं होती।विश्वविद्यालय ने यह भी कहा कि इसके जरिए किसी प्राध्यापक को निशाना नहीं बनाया गया है।

जानीमानी इतिहासकार रोमिला थापर को अपना बायोडेटा जमा करने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्विवद्यालय द्वारा एक पत्र भेजे जाने से जुड़े विवाद को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि जेएनयू के नए प्रबंधन को शिक्षा के बारे में कुछ पता नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय लोगों को प्रोफेसर एमिरट्स का दर्जा देते हैं ताकि खुद का सम्मान कर सकें। थरूर ने कहा, ‘‘जब कोई प्रोफेसर सेवानिवृत्त होता है या सेवानिवृत्ति के लिए तय आयु तक पहुंचता है तो विश्वविद्यालय उस व्यक्ति के साथ अपना संबंध खत्म नहीं करना चाहता। ऐसे में ऐमिरट्स का दर्जा दिया जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह मामला दोतरफा होता है। प्रोफेसर का संस्थान से संबंध होता है, लेकिन उसकी कोई बाध्यता नहीं होती। दूसरी तरफ विश्वविद्यालय की भी कोई बाध्यता नहीं होती, उसे वेतन नहीं देना होता लेकिन उसके साथ संबंधित व्यक्ति का नाम जुड़ा होता है। इससे विश्वविद्यालय को एक तरह से विश्वसनीयता भी मिलती है।’’

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘स्पष्ट है कि जेएनयू के नए प्रबंधन को इस बारे में कुछ समझ नहीं है। इस संस्थान को फिलहाल चला रहे लोगों को शिक्षा के बारे में कोई समझ नहीं है।’’ गौरतलब है कि हाल ही में प्रोफेसर एमिरेट्स रोमिला थापर को अपना बायोडेटा जमा करने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्विवद्यालय द्वारा एक पत्र भेजे जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया।

हालांकि विश्वविद्यालय ने बुधवार को कहा कि एक प्रोफेसर एमेरिट्स के नाम का इस्तेमाल कर प्रशासनिक सुधारों और नियमों के प्रयोग को बदनाम करने के लिए दुर्भावनापूर्ण अभियान शुरू किया गया है। साथ ही, विश्वविद्यालय ने यह भी कहा कि इसके जरिए किसी प्राध्यापक को निशाना नहीं बनाया गया है।

टॅग्स :इंडियाजवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)शशि थरूर
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