राजस्थान: वायरल ऑडियो पर अशोक गहलोत ने दिया बयान, कहा- राजस्थान सरकार पर भरोसा नहीं तो यूएस की एफएसएल एजेंसी से करा सकते हैं जांच

By सुमित राय | Published: July 23, 2020 05:29 PM2020-07-23T17:29:23+5:302020-07-23T17:45:12+5:30

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अगर वे राजस्थान सरकार पर भरोसा नहीं करते हैं, तो वे वॉयस टेस्ट के लिए यूएस में एफएसएल एजेंसी को ऑडियो-टेप भेज सकते हैं।

If they don't trust Rajasthan government, then they can send the audio-tapes to FSL agency in the US for a voice test, says Ashok Gehlot | राजस्थान: वायरल ऑडियो पर अशोक गहलोत ने दिया बयान, कहा- राजस्थान सरकार पर भरोसा नहीं तो यूएस की एफएसएल एजेंसी से करा सकते हैं जांच

अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार पर भरोसा नहीं तो यूएस की एफएसएल एजेंसी से जांच करा सकते हैं। (फाइल फोटो)

Highlightsराजस्थान के मुख्यमंत्री ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से संबंधित वायरल हुए ऑडियो को लेकर बयान दिया है।उन्होंने कहा कि अगर वे राजस्थान सरकार पर भरोसा नहीं करते तो यूएस की एफएसएल एजेंसी से वॉयस टेस्ट करा लें।

राजस्थान में जारी सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है और सचिन पायलट को अयोग्य ठहराए जाने वाले मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट में कल (शुक्रवार) सुबह साढ़े 10 बजे आएगा फैसला। इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से संबंधित वायरल हुए ऑडियो को लेकर बयान दिया है और कहा है कि अगर वे राजस्थान सरकार पर भरोसा नहीं करते तो यूएस की एफएसएल एजेंसी से वॉयस टेस्ट करा लें।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "अगर उन्हें लगता है कि वे राजस्थान सरकार पर भरोसा नहीं करते हैं, तो वे वॉयस टेस्ट के लिए यूएस में एफएसएल एजेंसी को ऑडियो-टेप भेज सकते हैं। उन्हें आगे बढ़ना चाहिए और आवाज की परीक्षा से गुजरना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा, " केंद्रीय मंत्री / विधायक / सांसद भाषण देते हैं, इसलिए सभी जानते हैं कि यह उनकी आवाज है। फिर भी, पहली प्रतिक्रिया हमेशा 'यह मेरी आवाज नहीं थी'। वे लोगों को धमकी भी दे रहे हैं। कुछ भी काम करने वाला नहीं है। सत्यमेव जयते।"

प्रतिवादियों की सूची में केंद्र सरकार को शामिल करने के लिए उच्च न्यायालय में अर्जी

राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस को उच्च न्यायालय में चुनौती देने वाले सचिन पायलट और कांग्रेस के बागी 18 विधायकों ने प्रतिवादियों की सूची में केंद्र सरकार को शामिल करने के लिए गुरुवार को अदालत में एक अर्जी दी। यह अर्जी इस आधार पर दाखिल की गई है कि चूंकि संविधान की दसवीं अनुसूची की वैधता को चुनौती दी गई है, इसलिए अब इसमें केंद्र को पक्ष बनाना जरूरी है। उच्चतम न्यायालय में भी इसी तरह की अर्जी दी गई, जहां राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने एक याचिका दाखिल की है।

पायलट खेमे ने कहा- पार्टी का व्हिप विधानसभा सत्र के दौरान होता है लागू

पिछले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की दो बैठकों में हिस्सा लेने के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन करने पर पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की। इसके बाद इन विधायकों के खिलाफ अयोग्यता संबंधी नोटिस जारी किया गया। हालांकि सचिन पायलट खेमे का कहना है कि पार्टी का व्हिप विधानसभा सत्र के चलने के दौरान ही लागू होता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत के बाद सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।

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