शराब घोटाले पर डिप्टी सीएम चौटाला और गृह मंत्री अनिल विज आमने-सामने
By बलवंत तक्षक | Published: August 28, 2020 06:04 PM2020-08-28T18:04:39+5:302020-08-28T18:05:53+5:30
विज ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले में सरकार ने आईएएस अधिकारी शेखर विद्यार्थी और आईपीएस अधिकारी प्रतीक्षा गोदारा से स्पष्टीकरण मांग लिया है. चौटाला ने जानकारी दी कि लॉकडाउन में 27 से 31 मार्च तक परिमट और पास जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच बैठाई गई है.
चंडीगढ़ः हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री अनिल विज शराब घोटाले को लेकर एक बार फिर आमने-सामने हैं. चौटाला ने जब आबकारी विभाग में घोटाले पर कहा कि राज्य के खजाने में इतना राजस्व कभी नहीं आया, जितना कोरोना काल में आया है. ऐसे में घोटाला कहां हुआ?
इसके जवाब में विज ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हुए शराब घोटाले में सरकार ने आईएएस अधिकारी शेखर विद्यार्थी और आईपीएस अधिकारी प्रतीक्षा गोदारा से स्पष्टीकरण मांग लिया है. चौटाला ने जानकारी दी कि लॉकडाउन में 27 से 31 मार्च तक परिमट और पास जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच बैठाई गई है.
जांच पूरी होते ही दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. विज ने इसके जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनकी सिफारिश पर शराब घोटाले की जांच विजिलेंस को दे दी है. उन्होंने ही एसईटी की रिपोर्ट पर पूरी जांच, शेखर विद्यार्थी और प्रतीक्षा गोदारा के खिलाफ कार्रवाई और आबकारी व पुलिस के अधिकारियों की विभागीय जांच करवाने की सिफारिश की थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई अमल में लाई जा रही है. विज ने कहा है कि उन्होंने एसईटी की रिपोर्ट को पूरी तरह से मान लिया है.
अब इस मामले में हर उस व्यक्ति के खिलाफ एक्शन होगा, जो इस घोटाले में शामिल है. लोकडाउन के दौरान आबकारी विभाग की तरफ से बड़ी रकम जुटाने के लिए जब चौटाला ने आबकारी विभाग के अफसरों की पीठ भी थपथपाई तो विज ने कह दिया कि राज्य की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा के माध्यम से आईएएस अधिकारी शेखर विद्यार्थी और एसपी प्रतीक्षा गोदारा से स्पष्टीकरण मांग लिया गया है.
इन दोनों अधिकारियों को शीघ्र ही सरकार के सामने अपना पक्ष रखना होगा, क्योंकि सरकार की ओर से गठित एसईटी ने दोनों अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे. लॉकडाउन में धड़ल्ले से हुई शराब तस्करी एसईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेने से पहले कई अधिकारियों से बात की थी.
इस मामले में आईपीएस जश्नदीप रंधावा से भी बात की गई थी. उनके अलावा प्रतीक्षा गोदारा और शेखर विद्यार्थी से बात की गई है. इन तीनों अधिकारियों के अलावा प्रदेश में तैनात करीब हर एक डीईटीसी से बात की गई थी. सभी अधिकारियों से बातचीत के बाद एसईटी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान शराब तस्करी धड़ल्ले से हुई.