गुजरात चुनाव 2017: पत्रकार ने कहा- बीजेपी जीती तो भी सीएम विजय रुपानी की कुर्सी खतरे में
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: December 18, 2017 10:05 IST2017-12-18T09:27:59+5:302017-12-18T10:05:27+5:30
विजय रूपानी को आनंदीबेन पटेल की जगह गुजरात का सीएम बनाया गया था। साल 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बन जाने के बाद खाली हुई गुजरात सीएम की कुर्सी को लेकर बीजेपी नेताओं के बीच काफी रस्साकशी हुई।

गुजरात चुनाव 2017: पत्रकार ने कहा- बीजेपी जीती तो भी सीएम विजय रुपानी की कुर्सी खतरे में
गुजरात चुनाव के लिए जारी मतणगना के बीच ही सोशल मीडिया पर रुझान और परिणाम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। राज्य की 182 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुए थे। सोमवार (18 दिसंबर) सुबह 9.30 बजे तक बीजेपी और कांग्रेस के बीच बराबर की टक्कर दिख रही है। अभी तक मिले रुझान के अनुसार बीजेपी 97 सीटों पर और कांग्रेस 82 सीटों पर आगे चल रहे हैं।
वहीं वरिष्ठ पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने सोमवार को मतगणना के शुरुआती रुझानों को देखने के बाद आशंका जतायी है कि अगर गुजरात में बीजेपी दोबारा सरकार बना लेती है तो भी सीएम विजय रुपानी की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, "बीजेपी गुजरात में जीत सकती है लेकिन अनुमान है कि विजय रुपानी दोबारा सीएम नहीं होंगे!"
पत्रकार और एंकर साक्षी जोशी ने रुझानों को देखते हुए बीजेपी पर तंज कसा। जोशी ने ट्वीट किया, "क्या आप ट्रेंड देख रहे हैं? 22 साल का काम साफ दिख रहा है! गुजरात के बेटे को गुजरात के लोगों ने नकारना शुरू कर दिया" आम यूजर्स भी शुरुआती रुझान के बाद राजनीतिक पार्टियों पर तंज कस रहे हैं। अरविंद शुक्ला नामक यूजर्स ने लिखा है, "मुझे संदेह है कि अगर बीजेपी जीत जाती है तो दोपहर तक कांग्रेस और पीएएएस ईवीएम को दोष देना शुरू कर देंगे और शाम तक वो गुंडागर्दी शुरू कर देंगे खासकर पीएएएस। कांग्रेस पीएएसी का इस्तेमाल गुजरात में अव्यवस्था फैलाने के लिए करेगी लेकिन वो सीधे तौर पर इसमें नहीं शामिल होगी।"
मतगणना शुरू होने से पहले कांग्रेस के कुछ नेताओं और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जतायी थी। हार्दिक पटेल ने कहा था कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी नहीं होगी तो गुजरात में बीजेपी हारेगी। विपक्षी नेताओं के इन रवैये पर तंज कसते हुए वरिष्ठ पत्रकार राहुल कंवल ने सोमवार को ट्वीट किया, "चाहे जो भी नतीजे हैं आशा है कि हारने वाला ईवीएम को लेकर रोना नहीं मचाएगा क्योंकि इससे हमारे लोकतंत्र और चुनाव में भागीदारी करने वाले हर शख्स को गहरी क्षति पहुंचेगी।"