वित्त मंत्री जी, मेरे सवालों से मत डरिए, राहुल गांधी पूछेंगे कि एक करोड़ नौकरियों का क्या हुआ
By भाषा | Published: February 3, 2020 08:09 PM2020-02-03T20:09:56+5:302020-02-03T20:09:56+5:30
गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘वित्त मंत्री जी, मेरे सवालों से मत डरिए। मैं यह सवाल देश के युवाओं की ओर से पूछ रहा हूं जिनका जवाब देना आपकी जिम्मेदारी है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘देश के युवाओं को रोजगार की जरूरत है और आपकी सरकार उन्हें रोजगार देने में बुरी तरह नाकाम साबित हुई है।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया में आयी एक खबर का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को उनके प्रश्नों से डरना नहीं चाहिए व देश के युवाओं की तरफ से पूछे गए सवालों का जवाब देना उनकी जिम्मेदारी है।
गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘वित्त मंत्री जी, मेरे सवालों से मत डरिए। मैं यह सवाल देश के युवाओं की ओर से पूछ रहा हूं जिनका जवाब देना आपकी जिम्मेदारी है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘देश के युवाओं को रोजगार की जरूरत है और आपकी सरकार उन्हें रोजगार देने में बुरी तरह नाकाम साबित हुई है।’’
कांग्रेस नेता ने एक हिंदी दैनिक में प्रकाशित वित्त मंत्री के साक्षात्कार के उस अंश का हवाला दिया जिसके मुताबिक उन्होंने नौकरियों से जुड़े सवाल पर कहा कि वह कोई आंकड़ा नहीं देना चाहती क्योंकि बाद में ‘राहुल गांधी पूछेंगे कि एक करोड़ नौकरियों का क्या हुआ।’
‘प्रधानमंत्री अपनी जादुई कसरत जारी रखें’: अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी पर राहुल का तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनका एक पुराना वीडियो ट्विटर पर पोस्ट कर कहा कि कृपया ‘अपनी जादुई कसरत कुछ और बार करने की कोशिश करें’, हो सकता है कि इससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल जाए। केंद्रीय बजट की आलोचना करने के एक दिन बाद राहुल ने मोदी पर यह प्रहार किया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने रविवार को मोदी का एक पुराना वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया, जिसमें वह (मोदी) अपना रोजाना का नियमित व्यायाम कर रहे हैं। राहुल ने ‘मोदीनॉमिक्स’ हैशटैग के साथ ट्वीट किया, ‘‘प्रिय प्रधानमंत्री, कृपया अपनी जादुई कसरत दिनचर्या कुछ और बार करने की कोशिश करिए। हो सकता है ,यह अर्थव्यवस्था को रफ्तार दे दे। ’’
उन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश किए गए आम बजट को खोखला करार देते हुए शनिवार को दावा किया कि बजट में रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के ठोस उपाय नहीं हैं। राहुल ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज देश के सामने बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था की स्थिति प्रमुख मुद्दा हैं। लेकिन मुझे बजट में कोई ठोस विचार नहीं दिखा जिससे कहा जाए कि हमारे नौजवानों को रोजगार मिलेगा।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘ इसमें सरकार की खूब सराहना की गई। कई बातों को दोहराया गया। इसमें कुछ ठोस नहीं, यह सिर्फ सरकार की सोच है। खूब बातें हो रही हैं, लेकिन किया कुछ नहीं जा रहा। देश मुश्किल का सामना कर रहा है। युवाओं को रोजगार नहीं मिला।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘सरकार ने कर व्यवस्था के सरलीकरण की बात कही थी, लेकिन उसे और जटिल बना दिया। बजट में कुछ नहीं। यह खोखला है।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को यह दावा किया कि बजट से साबित होता है कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की उम्मीद छोड़ चुकी है। उन्होंने कहा था कि बजट में ऐसा कुछ नहीं है जिससे किसी को यह यकीन हो कि आर्थिक वृद्धि में 2020-21 में नयी जान आएगी।