चुनाव आयोग ने लालू यादव की पार्टी के खिलाफ किया नोटिस जारी, रद्द हो सकती है सदस्यता
By स्वाति सिंह | Published: April 16, 2018 10:19 PM2018-04-16T22:19:54+5:302018-04-16T22:19:54+5:30
सुप्रीम कोर्ट के नियमों की मानें तो हर राजनैतिक दल को वित्तीय वर्ष के अगले साल 31 अक्टूबर तक पार्टी की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट जमा कराना अनिवार्य होता है। लेकिन राष्ट्रीय जनता दल ने नियमों की अवहेलना कर साल 2014-15 की अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कराई है।
पटना, 16 अप्रैल: चुनाव आयोग ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को साल 2014-15 का हिसाब-किताब न देने को लेकर नोटिस जारी किया है। आयोग ने उन्हें इसका जवाब 20 दिनों के अंदर देने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर उन्हें इसका जवाब नहीं मिला तो पार्टी का चुनाव चिन्ह रद्द किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के नियमों की मानें तो हर राजनैतिक दल को वित्तीय वर्ष के अगले साल 31 अक्टूबर तक पार्टी की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट जमा कराना अनिवार्य होता है। लेकिन राष्ट्रीय जनता दल ने नियमों की अवहेलना कर साल 2014-15 की अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कराई है। इसकी अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2015 थी।
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आयोग ने बताया है कि राष्ट्रीय जनता दल को 10 नवम्बर 2015, 20 जनवरी 2016, 26 फरवरी 2016, 25 मई 2016, पांच अक्टूबर 2016, दो जून 2017, 12 जनवरी 2018 और 13 मार्च 2018 को स्मरणपत्र जारी करके हिसाब-किताब देना है। लेकिन इन सभी मामलों की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। इसके बाद ही चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय जनता दल के खिलाफ जारी किया है। नोटिस के मुताबिक चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 के परा 16 ए के तहत क्यों न कार्रवाई की जाए।
वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आईआरसीटीसी मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव व अन्य के खिलाफ सोमवार को आरोप पत्र दाखिल किया है। गौरतलब है कि यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटलों का प्रबंधन ठेका एक निजी कंपनियों को देने में कथित भ्रष्टाचार का है। ब्यूरो ( सीबीआई ) द्वारा यहां की एक अदालत में दाखिल इस आरोप पत्र में नामित 14 लोगों में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री व लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी , उनके बेटे तेजस्वी का भी नाम है।