महाराष्ट्र सरकार संकट: 21 मई को होंगे विधान परिषद चुनाव, CM बने रहने के लिए उद्धव ठाकरे का विधानमंडल सदस्य बनना अनिवार्य
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 1, 2020 12:38 PM2020-05-01T12:38:44+5:302020-05-01T12:40:38+5:30
महाराष्ट्र विधान परिषद में कुल 78 सीटें हैं जिसमें राज्यपाल 12 लोगों को मनोनीत करते हैं. उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए महाराष्ट्र विधानमंडल का सदस्य बनना अनिवार्य है. संविधान के अनुसार लगातार छह महीने तक मंत्री अगर किसी सदन के सदस्य नहीं रहते हैं तो उन्हें अवधि खत्म होने पर मंत्री पद छोड़ना होता है.
महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कराने को मंज़ूरी दे दी है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के अनुरोध पर आयोग ने कोरोना संकट के मद्देनज़र चुनाव कराने पर लगाई गई पाबंदी में विशेष परिस्थितियों का हवाला देते हुए ढील देने का फ़ैसला किया है। महाराष्ट्र में 21 मई को विधान परिषद की खाली सीटों पर चुनाव होगा। गौरतलब है कि ये सीटें 24 अप्रैल को रिक्त हुई हैं।
विधायकों के कोटा से विधान परिषद की नौ सीटें रिक्त है और ठाकरे द्विवार्षिक चुनाव के दौरान एक सीट पर विधान पार्षद चुने जाने वाले थे। कोरोना वायरस के संक्रमण और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण चुनाव आयोग ने चुनाव स्थगित कर दिया था।
Elections to the Legislative Council (MLCs) in Maharashtra will be conducted on May 21 in Mumbai: Election Commission of India (ECI) https://t.co/fWQZXcNola
— ANI (@ANI) May 1, 2020
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के राज्य विधानमंडल का सदस्य बनने की संवैधानिक अनिवार्यता को देखते हुए आयोग ने यह फ़ैसला किया है। आयोग के इस फैसले से ठाकरे के लिए वाया विधान परिषद, विधायक बनने का रास्ता साफ़ हो जाएगा । संविधान के मुताबिक़ उनके लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर विधान मंडल के किसी सदन का सदस्य बनने की अनिवार्य समयसीमा इस महीने के अंत में समाप्त हो रही है।
इससे पहले कोरोना संकट के कारण विधान सभा की किसी सीट पर उपचुनाव संभव नहीं होने के कारण ठाकरे ने राज्यपाल कोटे की विधान परिषद सीट पर उन्हें मनोनीत करने का कोश्यारी से अनुरोध किया था । राज्य विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की दो सीट सुरक्षित हैं।
संविधान के अनुच्छेद 171 के तहत राज्यपाल विशेष ज्ञान या साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारी आंदोलन या समाज सेवा में व्यवहारिक अनुभव रखने वाले को सदन के सदस्य के तौर पर नामित कर सकते हैं। हालांकि राज्यपाल ने ठाकरे को मनोनीत करने के बजाय आयोग से विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कराने का अनुरोध किया है।