कांग्रेस और DMK गठबंधन का आज हो सकता है ऐलान, इतनी सीटों का बन सकता है समीकरण
By पल्लवी कुमारी | Published: February 20, 2019 12:39 PM2019-02-20T12:39:39+5:302019-02-20T12:39:39+5:30
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के तमिलनाडु प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक 20 फरवरी को द्रमुक पार्टी के अध्यक्ष एम के स्टालिन से मुलाकात कर सकते हैं। इस बैठक में एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल भी शामिल हो सकते हैं।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस अब दक्षिण की पार्टी द्रमुक (DMK) के साथ गठबंधन कर सकती है। कांग्रेस और डीएमके के गठबंधन का ऐलान 20 फरवरी को किया जा सकता है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के तमिलनाडु प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक 20 फरवरी को द्रमुक पार्टी के अध्यक्ष एम के स्टालिन से मुलाकात कर सकते हैं। इस बैठक में एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल भी शामिल हो सकते हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तमिलनाडु प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक और द्रमुक पार्टी के अध्यक्ष एम के स्टालिन DMK मुख्यालय में मिलने वाले हैं। एनडीटीवी के सूत्रों के मुताबिक, डीएमके 20 से 25 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं। वहीं बाकी की सीटें गठबंधन के बाकी पार्टियों के हिस्से में जाएगी। हालांकि अभी इस खबर की कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने दक्षिण की पार्टी एआईएडीएमके के साथ गठबंधन में है।
All India Congress Committee (AICC) General Secretary in-charge of Tamil Nadu, Mukul Wasnik, to meet DMK chief MK Stalin at DMK headquarters in Chennai today to have talks on DMK-Congress alliance. #TamilNadupic.twitter.com/aNYSHVLD3c
— ANI (@ANI) February 20, 2019
द हिन्दू के मुताबिक, कांग्रेस डीएमके के साथ लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 9+1 सीट शेयरिंग फॉर्मूले के लिए बात कर रही है। इसमें से 9 सीट तमिलनाडु के लिए और एक सीट पुदुचेरी के लिए है। इसके साथ ही डीएमके CPI(M), CPI, MDMK, IUML और VCK पार्टियों के साथ भी गठबंधन की प्लानिंग में है।
डीएमके के सूत्रों के मुताबिक इन पार्टियों एक-एक सीट के लिए ऑफर किया जाएगा। लेकिन इसमें कुछ भी बदलाव किए जा सकते हैं, जब तक इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की जाती।
एम के स्टालिन ने अन्नाद्रमुक-पीएमके गठबंधन पर साधा था निशाना
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने मंगलवार को अन्नाद्रमुक-पीएमके गठबंधन पर निशाना साधते हुए 18 फरवरी को आरोप लगाया था कि इसका गठन देश के हित के लिए नहीं, बल्कि मौद्रिक लाभ के लिए किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया, ''अन्नाद्रमुक-पीएमके गठबंधन देश या लोगों के बारे में विचार किए बिना किया गया है... उन्होंने सिर्फ पैसे के लिए गठबंधन किया है।'' उन्होंने जिक्र किया कि पीएमके के संस्थापक एस रामदास ने अन्नाद्रमुक नेताओं की सार्वजनिक रूप से और बयानों के जरिए आलोचना की थी। स्टालिन ने कहा था, 'रामदास ने (मुख्यमंत्री) के पलानीसामी और दिवंगत अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता की कथित अनियमितताओं के बारे में एक किताब भी लिखी थी।'