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कांग्रेस के असंतुष्ट 23 नेताओं की बैठक अगले सप्ताह, सोनिया गांधी के संसदीय पैनलों से हैं आहत, कहा- रोज के ट्वीट से पुनर्जीवित नहीं होगी पार्टी

By हरीश गुप्ता | Updated: August 29, 2020 12:19 IST

कांग्रेस के असंतुष्ट 23 नेता पार्टी नेतृत्व के फैसलों से आहत हैं और उन्होंने भी एक कोर ग्रुप बना लिया है, जिसकी बैठक अगले सप्ताह हो सकती है।

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ठळक मुद्देकोर ग्रुप में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, भूपिंदर सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी शामिल हैं.कांग्रेस में सुधार लाकर उसे पुनर्जीवित करने के अभियान पर रोजाना आपस में सलाह-मशविरा करेंगे.अगले कदम के फैसले के लिए उनके बीच अगले सप्ताह एक डिनर पर बैठक की संभावना है.

नई दिल्ली। अपने उठाए गए मुद्दों पर कांग्रेस नेतृत्व द्वारा कोई ध्यान नहीं दिए जाने के कारण पार्टी के 23 असंतुष्टों का समूह आहत है. संसद के दोनों सदनों से राहुल गांधी के वफादार 5-5 सदस्यों को लेकर 10 सदस्यीय समितियां जिस तरह से बनाई गई हैं, वह नाराजगी का मुख्य कारण है. असंतुष्ट समूह के शीर्ष नेताओं के नजदीकी सूत्रों की मानें तो नेतृत्व पर तत्काल कदम उठाने के लिए दबाव बनाने की खातिर जल्द ही नई रणनीति तैयार की जाएगी. 14 सितंबर से शुरू हो रहा संसद सत्र असंतुष्टों को उत्साहित करने का एक मौका दे देगा.

असंतुष्टों ने भी कोर ग्रुप बनाया

असंतुष्टों ने भी एक कोर ग्रुप बना लिया है. इसमें गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, भूपिंदर सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी शामिल हैं. कांग्रेस में सुधार लाकर उसे पुनर्जीवित करने के अभियान पर रोजाना आपस में सलाह-मशविरा करेंगे. अगले कदम के फैसले के लिए उनके बीच अगले सप्ताह एक डिनर पर बैठक की संभावना है. जूनियर गोगोई का प्रमोशन बताया जाता है कि मनीष तिवारी या शशि थरूर जैसे वरिष्ठ सदस्यों की अनदेखी कर लोकसभा के जूनियर सदस्य गौरव गोगोई को उपनेता के पद पर पदोन्नति भी नाराजगी की एक अन्य वजह है.

नेतृत्व के पहले कदम से निराश हैं जी-23 के नेता

जी-23 के एक नेता ने लोकमत समाचार को बताया, ''हम नेतृत्व के पहले कदम से निराश हैं जिसके तहत लोकसभा और राज्यसभा के लिए दो कमिटियां बनाई गईं. हम देखेंगे कि पार्टी राहुल गांधी के रोजाना के ट्वीट से चलती है या फिर जमीनी कार्रवाई से. हम यह भी देखना चाहेंगे कि क्या कोई नेता संवाद के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का दरवाजा खोलता है ताकि कार्यकर्ता, नेतृत्व के साथ संवाद साध सके.''

दबाव बढ़ाने के प्रयास दबाव बढ़ाने के प्रयासों के तहत गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल हर रोज प्रेस इंटरव्यू दे रहे हैं. हाल में आलाकमान के नाम बहुचर्चित रहा पत्र तैयार करने वाले आनंद शर्मा ने हालात पर सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया. उन्होंने लोकमत समाचार से बस इतना कहा, ''इंतजार कीजिए और देखिए.''

बिहार कांग्रेस प्रचार समिति के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह ने लोकमत समाचार को बताया, ''हां मैंने उस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. हम बिहार में जंग लड़ रहे हैं. हम इस बार चुनाव जीत सकते हैं. लेकिन उसके लिए एक्शन की जरूरत है.''

यह है जी-23 कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य

गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, जितिन प्रसाद, भूपिंदर सिंह हुड्डा, एम. वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, राजिंदर कौर भट्टल, कपिल सिब्बल, विवेक तनखा, अखिलेश प्रसाद सिंह, मनीष तिवारी, शशि थरूर, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, संदीप दीक्षित, अजय सिंह, मिलिंद देवड़ा, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री.

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