महाराष्ट्र भाजपा में कलहः पंकजा मुंडे और खड़से ने की बगावत, भूख हड़ताल करेंगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 12, 2019 04:42 PM2019-12-12T16:42:25+5:302019-12-12T16:58:47+5:30
पंकजा मुंडे ने कहा कि समूचे महाराष्ट्र का दौरा कर गोपीनाथ मुंड के नाम पर बने संगठन के लिए काम करूंगी। भाजपा नहीं छोड़ूंगी, 27 जनवरी को मराठवाड़ा क्षेत्र के लंबित मुद्दों को लेकर अनशन करूंगी।
महाराष्ट्र के बीड जिले में भाजपा की 'नाराज' नेता पंकजा मुंडे द्वारा अपने पिता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की याद में बृहस्पतिवार को बुलाई गई सभा में पार्टी का प्रतीक चिह्न कमल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं की तस्वीरें दिखाई नहीं दिया।
पंकजा मुंडे ने कहा कि समूचे महाराष्ट्र का दौरा कर गोपीनाथ मुंड के नाम पर बने संगठन के लिए काम करूंगी। भाजपा नहीं छोड़ूंगी, 27 जनवरी को मराठवाड़ा क्षेत्र के लंबित मुद्दों को लेकर अनशन करूंगी।
भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने कहा कि मैं औरंगाबाद में एक दिवसीय भूख हड़ताल करूंगी। यह किसी भी पार्टी या व्यक्तियों के खिलाफ नहीं होगा। मराठवाड़ा के मुद्दे पर नेतृत्व का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह एक सांकेतिक भूख हड़ताल होगी। मैं 27 जनवरी, 2020 को औरंगाबाद में एक दिन की लंबी हड़ताल करूंगी।
BJP leader Pankaja Munde: I will not leave the party. I will hold day-long huger strike in Aurangabad on 27 January, 2020. https://t.co/56O4cRCf44
— ANI (@ANI) December 12, 2019
विधानसभा चुनाव में हार के बाद पंकजा ने बीजेपी के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उनका साथ एकनाथ खड़से भी दे रहे हैं। खड़से के भाषण के बाद पंकजा मुंडे ने मंच से कहा कि जब चंद्रकांत पाटिल बोलेंगे तो कोई हूटिंग नहीं करेगा।
महाराष्ट्र की भाजपा नेता और पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने गुरुवार को कहा कि वह अब पार्टी की प्रदेश कोर समिति की सदस्य नहीं हैं लेकिन वह संगठन नहीं छोड़ेंगी। दिवंगत पिता गोपीनाथ मुंडे की जंयती पर बीड में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए पंकजा ने कहा कि भाजपा उनके पार्टी में रहने को लेकर फैसला करने के लिए स्वतंत्र है।
उल्लेखनीय है कि पंकजा पिछले पांच साल से अपने पिता की जयंती पर रैली आयोजित करती रहीं हैं लेकिन इस साल राजनीतिक परिस्थितियों की वजह से लोगों में इसको लेकर कौतुहल था। कयास लगाए जा रहे थे कि वह 21 अक्टूबर को चुनाव में मिली आश्चर्यजनक हार के बाद भाजपा छोड़ सकती हैं। इन कयासों को तब बल मिला जब उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि राजनीतिक पृष्टभूमि में बदलाव के बाद भविष्य की राह और लोगों की सेवा को लेकर विचार करने की जरूरत है।
पंकजा मंगलवार को राज्य भाजपा कोर समिति की बैठक में भी शामिल नहीं हुई और गुरुवार को उन्होंने घोषणा की कि वह अब कोर समिति की सदस्य नहीं हैं। अपने भाषण में पंकजा ने हालिया विधानसभा चुनाव में पर्ली सीट से अपने रिश्ते के भाई और राकांपा नेता धनंजय मुंडे से मिली हार का उल्लेख करते हुए कहा कि कुछ भाजपा नेता (परोक्ष रूप से देवेंद्र फड़नवीस के लिए) इस सीट से उनकी जीत नहीं चाहते थे। पंकजा ने कहा कि वह जनवरी में पूरे महाराष्ट्र में ‘‘ मशाल रैली’’ निकालेंगी।
गोपीनाथ गड में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अगले साल जनवरी से पूरे महाराष्ट्र में मशाल रैली की शुरुआत करने जा रही हूं। मैं अपने काम की शुरुआत 26 जनवरी को मुंबई स्थित गोपीनाथ मुंडे प्रतिष्ठान से करूंगी।’’ पंकजा ने कहा, ‘‘ मैं मराठवाड़ा क्षेत्र की समस्याओं के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए 27 जनवरी को औरंगाबाद में सांकेतिक अनशन करूंगी।’’