आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को राष्ट्रपति द्वारा अयोग्य घोषित करने के बाद अब सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। केजरीवाल ने रविवार को ट्वीट किया कि, 'ऊपर वाले ने 67 सीट कुछ सोच कर ही दी थी। हर कदम पर ऊपर वाला आम आदमी पार्टी के साथ है, नहीं तो हमारी औकात ही क्या थी। बस सच्चाई का मार्ग मत छोड़ना।'
यहीं नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी राष्ट्रपति पर सवाल खड़े किए हैं। आप पार्टी विधायक सोमनाथ भारती ने कहा था कि, 'पता चला है कि राष्ट्रपति भवन ने देश के हित में रविवार को छुट्टी के दिन 20 आप विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया। उम्मीद है कि हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल देंगें और 'मोदीफाइड राष्ट्रपति और मुख्य चुनाव आयुक्त' के ऐसे सभी बर्बर और अलोकतांत्रिक फैसलों को पलट देंगे।'
बता दें कि आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है। चुनाव आयोग की ओर से की गई सिफारिश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। 'लाभ का पद' के मामले में इन सभी विधायकों को दोषी पाया गया जिसके बाद इन्हें अयोग्य घोषित किया गया। इससे पहले चुनाव आयोग की कार्रवाई के बाद आम आदमी पार्टी ने हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी। उच्च न्यायालय ने इस मामले में किसी भी तरीके की फौरी राहत देने से इनकार कर दिया था।