मुसलमान भारत का अभिन्न हिस्सा, दत्तात्रेय होसबोले बोले- मुस्लिम नेताओं ने भागवत जी को पत्र लिखकर धन्यवाद कहा
By भाषा | Published: May 7, 2020 05:49 PM2020-05-07T17:49:40+5:302020-05-07T17:49:40+5:30
संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी पिछले दिनों जब यह कहा था कि एक वर्ग की गलती के चलते सभी को हम दोषी नहीं ठहरा सकते, तब मुस्लिम नेताओं ने उनके बयान की काफी सराहना की थी।
नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि मुसलमान भारत का अभिन्न हिस्सा हैं और लॉकडाउन के दौरान संघ के स्वयंसेवकों ने बिना किसी भेदभाव के इनकी सहायता की जिसकी मुस्लिम समुदाय के विभिन्न नेताओं ने सराहना की है।
विदेशी मीडिया के साथ ऑनलाइन माध्यम से संवाद में होसबोले ने आरएसएस के मुस्लिम विरोधी होने की धारणा को बेबुनियाद और वास्तविकता से दूर बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि संघ का मुस्लिम नेताओं का साथ सम्पर्क रहा और हमने कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान नई दिल्ली में शाहीन बाग सहित भारत भर में अलग अलग क्षेत्रों में लोगों की सहायता की।
गौरतलब है कि शाहीन बाग नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का केंद्र रहा है। होसबोले ने सरसंघचालक मोहन भागवत की टिप्पणी को दोहराया जिसमें उन्होंने तबलीगी जमात का परोक्ष संदर्भ देते हुए कहा था कि कुछ लोगों की गलती के लिये पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। होसबोले ने दावा किया, ‘कई मुस्लिम नेताओं ने भागवत जी को पत्र लिखकर उनके इस रुख के लिये धन्यवाद कहा।’
उल्लेखनीय है कि खाड़ी क्षेत्र एवं कुछ देशों में कथित तौर पर ऐसे आरोप लगाये जा रहे हैं कि नई दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों में से कई लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
भारत ने हालांकि इसे निहित स्वार्थी तत्वों का दुष्प्रचार बताकर खारिज कर दिया है। संघ के सह सरकार्यवाह ने कहा, ‘आरएसएस एक संगठन के रूप में मुस्लिम समुदाय के नेताओं के सम्पर्क में रहता है। वे हमारे राष्ट्र का अभिन्न हिस्सा हैं। लॉकडाउन के दौरान आरएसएस के स्वयंसेवकों का कार्य इस बात का गवाह है कि संगठन मुसलमानों सहित सभी समुदाय के लोगों की अपने भाइयों की तरह देखभाल करता है।’
होसबोले ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने भी संघ के राहत कार्यों की सराहना की है। कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था के बारे में होसबोले ने कहा कि यह जरूरी है कि भारत स्वदेशी आधारित आर्थिक मॉडल को विकसित करे और स्थानीय कार्यबल का उपयोग करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाये। होसबोले ने कहा कि कोरोना वायरस दुनिया के समक्ष अभूतपूर्व चुनौती है और इससे एकजुट होकर मुकाबला करने की जरूरत है।