कोविड-19ः सीएम भूपेश बघेल बोले- छत्तीसगढ़ अपनी सीमाएं नहीं खोलेगा, उत्पन्न स्थिति जब तक सामान्य नहीं हो जाती
By भाषा | Published: May 1, 2020 07:12 PM2020-05-01T19:12:49+5:302020-05-01T19:12:49+5:30
देश भर में 3 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। अब पूरे देश में 17 मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहा कि वह अपनी राज्य की सीमाएं नहीं खोलेंगे
नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति जब तक सामान्य नहीं हो जाती, तब तक राज्य की सीमाएं नहीं खोली जाएंगी।
उन्होंने कांग्रेस शासित राज्य में पाबंदियां जारी रखने का यह संकेत उस वक्त दिया है जब, कोविड-19 का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) का दूसरा चरण तीन मई को खत्म हो रहा है। बघेल के मुताबिक, वह लॉकडाउन से जुड़े नियमों में धीरे-धीरे ढील देने के पक्ष में हैं और राज्य सरकारों को यह निर्णय करने का अधिकार मिलना चाहिए कि संक्रमण के मामलों को देखते हुए किस किस जिले से लॉकडाउन हटाना है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘आखिरकार राज्य सरकारों की भी अपने लोगों के प्रति जिम्मेदारी है। वे भी जनता द्वारा चुनी गई हैं।’’ बघेल ने यह भी कहा कि दूसरे राज्यों से जरूरी वस्तुओं को लेकर आने-जाने वाले वाहनों का आवागमन जारी रहेगा।
उनके अनुसार, छत्तीसगढ़ के डेढ़ से दो लाख प्रवासी कामगार विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं और उन्हें सिर्फ बसों से नहीं लाया जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र सरकार को संक्रमणमुक्त की हुई रेलगाड़ियां चलानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि विशेष रेलगाड़ियों के लिए उनकी ओर से गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया गया था, लेकिन अब तक कोई आश्वासन नहीं मिला।
बघेल ने प्रधानमंत्री से कहा: छत्तीसगढ़ के लिए ऋण सीमा बढ़ाने की अनुमति दे केंद्र
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि राज्य में कामकाज के संचालन और विकास गतिविधियों के लिए अधिक आर्थिक संसाधन जुटाने के मकसद से प्रदेश के लिए इस वर्ष ऋण सीमा को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के छह प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति दी जाए। प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने राज्य का वित्तीय घाटा भी इस वर्ष जीएसडीपी का पांच प्रतिशत के बराबर रखने की सहमति प्रदान करने का अनुरोध किया।
राज्य सूचना विभाग की ओर से यहां जारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 22 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण राज्य के सामने आ रही वित्तीय कठिनाईयों की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया। बघेल ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सबसे अधिक प्रभावित किया है, जिनमें विशेषकर दैनिक आय अर्जित करने वाले, श्रमिक, छोटे दुकानदार एवं अधिकांश ग्रामीण परिवार शामिल हैं।
किसानों को फसल काटने तथा उसे बेचने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।’’ उनके अनुसार, छत्तीसगढ़ में समाज के इन वर्गों की जनसंख्या अधिक है, अतः उन्हें केन्द्र सरकार द्वारा राहत प्रदान करने के लिए की गई पहल के अलावा, राज्य द्वारा कई प्रकार के सामाजिक एवं आर्थिक उपायों के माध्यम से उचित राहत प्रदान करना कठिन कार्य है।
बघेल ने कहा, ‘‘राज्य के सभी विभागों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बजट आवंटन जारी किया जा चुका है एवं मूलभूत आवश्यकताओं के लिए व्यय हेतु आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता है।’’ उन्होंने आग्रह किया कि इस वर्ष ऋण सीमा को जीएसडीपी के छह प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति दी जाए।