मुंबईःमहाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुये मुस्लिम समुदाय के लोगों को रमजान के दौरान मस्जिद अथवा किसी अन्य सार्वजनिक स्थान की बजाय अपने घर पर ही नमाज अदा करनी चाहिये।
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये देश में जारी मौजूदा लॉकडाउन तीन मई तक जारी रहेगा। इस हफ्ते शुरू होने वाले रमजान के मुबारक मौके पर मुसलमानों को बधाई देते हुये पवार ने कहा, 'मुस्लिम भाइयों को नमाज, तरावी (रात में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज), सहरी एवं इफ्तार अपने घरों में ही करना चाहिये, न कि मस्जिद एवं सार्वजनिक स्थानों पर।'
राकांपा के वरिष्ठ नेता ने बयान जारी कर भरोसा जताया कि देश के लोगों की एकता से कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष में जीत दर्ज करने में मदद मिलेगी। राज्य के वित्त मंत्री ने कहा कि मुसलमानों ने लॉकडाउन के दौरान अनुशासन का पालन किया है और उन्हें रमजान के महीने में भी ऐसा लगातार करना चाहिये।
डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों, सरकारी कर्मचारियों एवं पत्रकारों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबरों पर पवार ने चिंता जतायी और उनलोगों से आग्रह किया कि ड्यूटी करते हुये अपना ध्यान रखें। महाराष्ट्र में कोविड—19 के बढ़ते मामले का हवाला देते हुये पवार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग स्थिति की गंभीरता समझने के लिये तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘'वायरस इसलिये फैल रहा है कि कुछ नागरिक सड़कों पर आ रहे हैं। लोगों को अपने घरों में रहना चाहिये।'’
पंजाब सरकार का मुस्लिमों को परामर्श : रमजान में भीड़भाड़ से बचे, घरों में ही नमाज पढ़ें
पंजाब सरकार ने रमजान के पाक माह के मद्देनजर बुधवार को परामर्श जारी कर मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की है कि कोरोना वायरस की महामारी के चलते वे घरों में ही नमाज पढ़ें और एक स्थान पर एकत्र होने से बचें। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के चलते त्योहार मनाने के दौरान सतर्क रहने और निवारक उपाय अपनाने की जरूरत है।
विज्ञप्ति में कहा गया कि पंजाब सरकार ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए निवासियों की स्वतंत्र आवाजाही पर पांबदी लगाई है और लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाई है। परामर्श में कहा गया, ‘‘लोगों से अपील की जाती है कि वे घरों में ही नमाज पढ़ें। मस्जिद, दरगाह और अन्य धार्मिक संस्थान बंद रहेंगे।’’
इसमें कहा गया, ‘‘इफ्तार के लिए सभी तरह के सामाजिक कार्यक्रम से बचें। मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का इस्तेमाल बधाई देने में किया जाना चाहिए।’’ विज्ञप्ति के मुताबिक शरबत या किसी अन्य तरह का पका हुआ भोजन मस्जिद या घर-घर बांटने पर कड़ाई से रोक रहेगी। इसके साथ ही मस्जिदों के पास खाने-पीने की दुकानें लगाने की अनुमति नहीं होगी।