migrant crisis: कई राज्य प्रवासी कामगार को घर आने की इजाजत नहीं दे रहे हैं, आप दखल दें, शरद पवार ने पीएम मोदी से किया अनुरोध
By भाषा | Published: May 9, 2020 07:36 PM2020-05-09T19:36:13+5:302020-05-09T19:36:37+5:30
एनसीपी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा कि आप राज्य सरकार से बात करें। राज्यसभा सांसद ने कहा कि कई राज्य प्रवासी कामगार को घर आने से मना कर रहे। आप इसमें दखल दीजिए।
मुंबईः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वह उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करें जो प्रवासी कामगारों को वापस घर आने की इजाजत नहीं दे रहे हैं।
कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों की उनके गृह राज्य वापसी के मुद्दे पर पवार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की। राकांपा प्रमुख ने ट्वीट किया, “मैं विनम्रता पूर्वक हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से अनुरोध करता हूं कि वो उन संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर मामले में दखल दें जो इन लोगों को वापस घर आने की इजाजत नहीं दे रहे हैं।”
उन्होंने ट्वीट में हालांकि किसी राज्य का नाम नहीं लिया लेकिन राकांपा ने हाल में आरोप लगाया था कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और कर्नाटक अपने राज्य के श्रमिकों को वापस नहीं लेना चाहते। पवार ने ट्वीट किया, “महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ प्रवासी कामगारों के मुद्दे पर चर्चा की।”
उन्होंने कहा कि ठाकरे ने उन्हें आश्वस्त किया है कि अपने गृह राज्य जाने के इच्छुक कामगारों के परिवहन के लिये इंतजाम कर रहे हैं। पवार ने कहा, “इस यात्रा के लिये राज्य परिवहन की बसों का इस्तेमाल किया जाएगा।” पवार ने कहा कि गोयल ने भी ट्रेन से कामगारों की यात्रा का इंतजाम करने का आश्वासन दिया है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में शुक्रवार को पटरी पर सो रहे 16 प्रवासी कामगारों की मालगाड़ी से कटकर मौत हो गई थी।
सूरत में प्रवासी श्रमिकों और पुलिस में झड़प, सौ से अधिक हिरासत में
गुजरात के सूरत जिले के एक गांव में गृह राज्य भेजने या फैक्टरियों में काम की इजाजत की मांग करते हुये सैकड़ों प्रवासी श्रमिक सड़कों पर उतर आए आए। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो श्रमिक उन से भिड़ गए। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
इस संबंध में सौ से अधिक श्रमिकों को हिरासत में लिया गया है। घटना हजीरा औद्योगिक नगर के पास स्थित मोरा गांव में हुई। संयुक्त पुलिस आयुक्त (सेक्टर दो) डी एन पटेल ने बताया, “सौ से अधिक श्रमिक अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए , जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
उनकी मांग थी कि या तो उन्हें घर भेजा जाए या हजीरा की उन औद्योगिक इकाइयों में जहां वे कार्यरत थे, उन्हें रोजगार और वेतन प्रदान किया जाए। ” पटेल ने कहा कि मोरा गांव में श्रमिकों की कॉलोनी में घरों से बाहर आए श्रमिक बड़े समूह में एकत्रित होकर हजीरा औद्योगिक क्षेत्र की तरफ बढ़ने लगे।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों की मांग थी कि जिला प्रशासन उन्हें उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और अन्य राज्यों में स्थित उनके गृह नगर भेजने का प्रबंध करे। पटेल ने कहा, “कुछ श्रमिकों ने पुलिस पर पथराव किया जिसके बाद आंसू गैस के चार गोले छोड़े गए और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हमें लाठी चार्ज करना पड़ा।” एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज के आधार पर घटना के संबंध में मामले दर्ज कर लिए गए हैं और वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है।