नई दिल्ली: संसद के आगामी मानसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं होने को लेकर विवाद जारी है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार कोरोना वायरस के नाम पर लोकतंत्र की हत्या कर रही है। प्रश्नकाल स्थगित करने के फैसले की आलोचना करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शायराना अंदाज में तंज किया है। बुधवार (3 सितंबर) को किए अपने ट्वीट में शशि थरूर ने लिखा है, ''कैसा है हालचाल? मत पूछो,मुझ से कोई सवाल मत पूछो, है बहुत गोलमाल, क्या बोलूं?, अभी "अ कोतवाल" मत पूछो।" शशि थरूर ने इस ट्वीट के साथ प्रश्नकाल नहीं होने को लेकर एक मीम भी शेयर किया है।
सरकार देश की संसद को नोटिस बोर्ड बनाने की कोशिश में - शशि थरूर
शशि थरूर ने इससे पहले भी प्रश्नकाल ना होने पर बीजेपी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साध चुके हैं। प्रश्नकाल ना होने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने आरोप लगाया था कि सरकार देश की संसद को नोटिस बोर्ड बनाने की कोशिश में है।
शशि थरूर ने ट्वीट किया था, मैंने चार महीने पहले कहा था कि मजबूत नेता महामारी को लोकतंत्र और विरोध को खत्म करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। संसद सत्र से जुड़ी अधिसूचना के माध्यम से घोषणा की गई है कि इस बार प्रश्नकाल नहीं होगा। हमें सुरक्षित रखने के नाम पर इसे उचित कैसे ठहराया जा सकता है?"
शशि थरूर ने कहा, सरकार से सवाल पूछना संसदीय लोकतंत्र का ऑक्सीजन होता है। ये सरकार संसद को एक नोटिस बोर्ड बनाने की कोशिश में और जो भी पारित कराना चाहती है उसके लिए अपने बहुमत को रबर स्टांप के तौर पर इस्तेमाल करती है। जवाबदेही को बढ़ावा देने वाली व्यवस्था को किनारे लगा दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्षी पार्टियों पर कसा तंज
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, कई लोग कह रहे हैं कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि प्रश्नकाल नहीं है, ये हालात क्या हमेशा होते रहे हैं? जो लोग प्रश्नकाल की मांग कर रहे हैं उन्होंने सामान्य हालात में सैकड़ों बार प्रश्नकाल को स्थगित करने की मांग की है।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया, सत्र के दौरान प्रश्न काल नहीं होगा। कोरोना महामारी के इस दौर में पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों का हवाला देते हुए शून्य काल को भी इस बार सीमित कर दिया गया है। संसद सत्र की शुरुआत 14 सितंबर को होगी और इसका समापन एक अक्टूबर को प्रस्तावित है। सिर्फ पहले दिन को छोड़कर राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में चलेगी जबकि लोकसभा शाम की पाली में बैठेगी।