Bihar Ki Khabar: कोरोना महामारी के बीच कांग्रेस MLC प्रेमचंद मिश्रा ने डिप्टी सीएम सुशील मोदी को भेजा कानूनी नोटिस, दर्ज कराया FIR
By एस पी सिन्हा | Published: May 5, 2020 06:15 PM2020-05-05T18:15:02+5:302020-05-05T18:21:07+5:30
प्रेमचंद मिश्रा ने आरोप लगाया है कि बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री रहते हुए सुशील मोदी ने कांग्रेस विधायकों को लेकर गलत बयान बाजी की.
पटना: बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के द्वारा किये गये एक ट्वीट ने सियासी पारा को बढा दिया है. हालात ऐसे बने हैं कि मामला कानूनी दांवपेंच में उलझ गया है. दरअसल, सुशील मोदी ने एक ट्वीट किया था कि कांग्रेस के एमएलए और एमएलसी ने अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा नहीं किया है, ना ही राहत कोष में किसी प्रकार का योजदान किया है.
इस बयान के बाज सियासी तूफान मच गया है. कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने इसे गंभीरता से लेते हुए सुशील मोदी को एक कानूनी नोटिस भेजा है और पुलिस में भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
प्रेमचंद मिश्रा ने आरोप लगाया है कि बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री रहते हुए सुशील मोदी ने कांग्रेस विधायकों को लेकर गलत बयान बाजी की. सुशील मोदी ने यह बेबुनियाद आरोप लगाया कि कांग्रेस के विधायक कोरोना महामारी में अपनी तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं कर रहे हैं.
इसी मामले को लेकर सुशील मोदी के खिलाफ कानूनी लडाई लडने की बात कह रहे हैं. उन्होंने सुशील मोदी के इस बयान को सफेद झूठ बताया था और उप मुख्यमंत्री को चुनौती दी थी कि कि वे साबित करें कि कांग्रेस के एमएलए और एमएलसी ने अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा नहीं किया है, और अगर नहीं तो वे तत्काल कांग्रेस नेताओं से माफी मांगें. लेकिन सुशील मोदी ने प्रेमचंद मिश्रा को नोटिस नहीं लिया. इसके बाद प्रेमचंद मिश्रा ने आज उप मुख्यमंत्री को कानूनी नोटिस भेजा और उस ट्वीट को लेकर पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई है.
प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि सुशील मोदी कोरोना महामारी के इस दौर में आधारहीन बयानबाजी कर रहे हैं. राजनीतिक बयानबाजी के तहत कांग्रेस के विधायकों और विधान पार्षदों पर बेजा आरोप लगाया जा रहा है. इस मामले को लेकर उन्होंने पहले ही उप मुख्यमंत्री से खेद जताने की अपील की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा था कि वह अपने ट्वीट को डिलीट कर लें, लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं किया.
जिसके बाद अब उन्होंने अपने वकील के जरिए सुशील मोदी को लीगल नोटिस भेजा है. उन्होंने सुशील मोदी पर लगातार झूठे और आधारहीन बयान और ट्वीट करने का आरोप लगाते हुए उन्हें राज्य का सबसे बड़ा झूठ बोलने वाले नेता की संज्ञा दी. प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि मैंने 30 मार्च को तथा उससे पहले ही कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह और प्रदेश अध्यक्ष मदनमोहन झा ने कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक माह का वेतन दिया था. इसका प्रमाण हमारे पास है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायकों ने भी ना सिर्फ अपना वेतन दिया, बल्कि सभी ने कोरोना उन्मूलन फंड में भी अपने एच्छिक कोष से 50 लाख का योगदान दिया. उसके बाद अगर उपमुख्यमंत्री इस संबंध में झूठा बयान और ट्वीट करते हैं तो मुख्यमंत्री सचिवालय को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया कि महामारी से लडने के समय किसी के भी योगदान को सिरे से नकारने वाले उपमुख्यमंत्री को नसीहत दें कि ऐसा कोई बयान ना दें जिससे सरकार की छवि और मंशा पर लोगों को संदेह होने लगे.
इसके बादवजूद उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी की ओर से कोई जवाब नहीं आया. तब जाकर हमने उन्हें कानूनी नोटिस भेजा और पुलिस में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. कांग्रेस ने कहा है कि सुशील मोदी अगर अब भी खेद नहीं जताते हैं, तो वह आगे उनके खिलाफ मुकदमा भी करेंगे.