पीएम मोदी की मन की बात के जबाब में राहुल ने की दिल की बात, सरकार पर हमला किया
By शीलेष शर्मा | Published: July 17, 2020 07:29 PM2020-07-17T19:29:30+5:302020-07-17T19:29:30+5:30
रूस और यूरोपीय देशों से भारत के रिश्तों का जिक्र करते हुये उनको सहयोगी बताया लेकिन अमेरिका से रिश्तों को मात्र लेन -देन आधारित रिश्तों की श्रेणी में रख कर साफ़ किया कि इसे वास्तविक सहयोग का रिश्ता समझना मोदी सरकार की विदेश नीति की भूल रही है।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "मन की बात " की तर्ज़ पर राहुल गाँधी ने वीडिओ के ज़रिये दिल की बात साझा करते हुये मोदी सरकार पर हमला किया और यह बताने की कोशिश की कि चीन ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिये इसी समय को क्यों चुना ?
उन्होंने मोदी सरकार की विदेश नीति, आर्थिक नीति को इसके लिये जिम्मेदार ठहराया, अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों को राहुल मात्र रणनीतिक साझेदारी मानते हैं, उन्होंने रूस और यूरोपीय देशों से भारत के रिश्तों का जिक्र करते हुये उनको सहयोगी बताया लेकिन अमेरिका से रिश्तों को मात्र लेन -देन आधारित रिश्तों की श्रेणी में रख कर साफ़ किया कि इसे वास्तविक सहयोग का रिश्ता समझना मोदी सरकार की विदेश नीति की भूल रही है। नेपाल ,भूटान ,श्रीलंका जो भारत के दोस्त थे आज कहाँ खड़े हैं। राहुल का सीधा आरोप था कि मोदी सरकार ने गलत विदेश नीति के कारण इन देशों से रिश्ते बिगाड़ लिये।
देश की जर्जर होती अर्थ व्यवस्था के लिये भी मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया
देश की जर्जर होती अर्थ व्यवस्था के लिये भी मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। 50 वर्षों में भारत ने जिस तरह अपनी आर्थिक रीढ़ को मज़बूत किया मोदी ने एक झटके में उसे तोड़ दिया, बेरोज़गारी चरम पर पहुँची ,छोटे -मझोले उद्योग बंद हो गये,महँगाई सिर उठाने लगी नतीज़ा लोगों का भरोसा टूटा जिसका चीन ने फ़ायदा उठाया। आर्थिक संकट ,गलत विदेश नीति ,पड़ोसियों से ख़राब रिश्ते वह कारण बना कि चीन ने वक़्त भांप कर भारत के खिलाफ मोर्चा खोलने का फ़ैसला किया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को दावा किया कि भारत सरकार की विदेश नीति के ध्वस्त होने की स्थिति में आने और अर्थव्यवस्था की हालत खराब होने के कारण चीन सीमा पर हमारे खिलाफ आक्रामक हुआ। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मौजूदा समय में लगभग सभी पड़ोसी देशों के साथ भारत के रिश्ते खराब हैं और सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विपक्ष की ओर से दिए गए सुझावों को स्वीकार नहीं किया है।
वीडियो जारी कर एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव के ‘कारणों’ को लेकर अपनी बात रखी
कांग्रेस नेता ने एक वीडियो जारी कर एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव के ‘कारणों’ को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने सवाल किया, ‘‘ आखिर चीन इसी समय आक्रामक क्यों हुआ ? चीन ने एलएसी पर अतिक्रमण के लिए यही समय क्यों चुना? भारत में ऐसी क्या स्थिति है जिसने चीन को मौका दिया?
इस समय में ऐसा विशेष क्या है जिससे चीन को यह विश्वास हुआ कि वह भारत के विरुद्ध दुस्साहस कर सकता है?’’ गांधी ने कहा, ‘‘ देश की रक्षा किसी एक बिंदु पर टिकी नहीं होती, बल्कि यह कार्य कई शक्तियों का संगम होता है। यह समायोजन कई प्रकार की व्यवस्थाओं का होता है। अतः देश की रक्षा विदेश संबंधों से होती है, इसकी रक्षा पड़ोसी राष्ट्रों से होती है, इसकी रक्षा अर्थव्यवस्था से होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे विदेश संबंध विश्व के कई राष्ट्रों से बेहतर रहे हैं, हमारे रिश्ते अमेरिका से रहे हैं,मैं इसे रणनीतिक साझेदारी कहूंगा, जो काफी महत्वपूर्ण है। हमारे रिश्ते रूस से थे,हमारे संबंध यूरोपीय राष्ट्रों से थे, और ये सारे राष्ट्र हमारे सहयोगी थे।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आज हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंध मतलबपरस्त हो गए है।
अमेरिका से भी वर्तमान संबंध लेन-देन पर आधारित है। रूस से भी हमारा संबंध संकटग्रस्त हुआ है। यूरोपीय राष्ट्रों से भी हमारे संबंध मतलबपरस्त हो गए हैं उन्होंने कहा, ‘‘अब हम पड़ोसी राष्ट्रों पर आते हैं नेपाल पहले हमारा करीबी दोस्त था, भूटान भी करीबी दोस्त था, श्रीलंका भी करीबी दोस्त था। पाकिस्तान को छोड़कर, सभी पड़ोसी देश भारत के साथ मिलकर कार्य करते थे और वे सभी पड़ोसी राष्ट्र सभी संदर्भ में भारत को अपना साझीदार मानते थे।’’