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राजनीतिक राजनीतिक संकट: अशोक गहलोत ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया

By निखिल वर्मा | Updated: July 22, 2020 20:11 IST

राजस्थान में पिछले दो हफ्ते से गहलोत सरकार पर संकट मंडरा रहा है. सचिन पायलट समेत 19 कांग्रेसी विधायक बागी हो चुके हैं.

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ठळक मुद्देगहलोत और बर्खास्त किए गए उपमुख्यमंत्री पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष चल रहा है.बगावत करने के बाद पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जा चुका है.

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में गहलोत ने कहा है कि राजस्थान में बीजेपी के द्वारा चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया जा रहा है।

पढ़ें अशोक गहलोत का पूरा पत्र

 "मैं आपका ध्यान राज्यों में चुनी हुई सरकारों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं को विपरीत हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से गिराने के लिए किए जा रहे कुत्सित प्रयासों की ओर आकृष्ट करना चाहूंगा। हमारे संविधान में बहुदलीय व्यवस्था के कारण राज्यों एवं केंद्र में अलग-अलग दलों की सरकारें चुनी जाती रही है। यह हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती ही है कि इन सरकारों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोकहित को सर्वोपरि रखते हुए कार्य किया।

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की सरकार द्वारा 1985 में बनाए गए दल-बदल निरोधक कानून और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा किए गए संशोधन की भावनाओं और जनहित को दरकिनार कर पिछले कुछ समय से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई राज्य सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। यह जनमत का घोर अपमान और संवैधानिक मूल्यों की खुली अवहेलना है। कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश में हुए घटनाक्रम इसके उदाहरण है।

कोविड-19 महामारी के इस दौर में जीवन रक्षा ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में राजस्थान में भी चुनी हुई सरकार को गिराने का कुप्रयास किया जा रहा है। इस कृत्य में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा के अन्य नेता एवं हमारे दल के कुछ अति महत्वाकांक्षी नेता भी शामिल है। इनेमं से एक भंवर लाल शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता ने स्वर्गीय भैरोंसिंह शेखावत सरकार को भी (भाजपा नेता होने के बावजूद) विधायकों की खरीद-फरोख्त कर गिराने का प्रयास किया था। धनराशि तक कई विधायकों तक पहुंच चुकी थी। तब मैंने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष के नाते तत्कालीन राज्यपाल बलिराम भगत और प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव से मिलकर विरोध किया कि इस प्रकार खरीद-फरोख्त कर चुनी हुई सरकार को गिराना लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है। ऐसे षड्यंत्र आम जनता के साथ धोखा है।

मुझे इस बात का हमेशा अफसोस रहेगा कि आज जहां आम जनता के जीवन एवं आजीविका को बचाने की जिम्मेदारी केंद्र एवं राज्य सरकारों की निरंतर बनी हुई है। उसके बीच में केंद्र में सत्ता पक्ष कैसे कोरोना प्रबंधन की प्राथमिकता छोड़कर कांग्रेस की राज्य सरकार को गिराने के षड्यंत्र में मुख्य भागीदारी निभा सकता है। ऐसे ही आरोप पूर्व में कोरोना के चतले मध्य प्रदेश सरकार गिराने के वक्त लगे थे और आपकी पार्टी देशभर में बदनामी हुई थी।

मुझे ज्ञात नहीं है कि किस हद तक यह सब आपकी जानकारी में है अथवा आपको गुमराह किया जा रहा है। इतिहास ऐसे कृत्य में भागीदार बनने वालों को कभी माफ नहीं करेगा।

मुझे पूरा विश्वास है कि अंतत: सच्चाई के साथ-साथ स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों की जीत होगी औऱ हमारी सरकार सुशासन देते हुए अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

"

टॅग्स :अशोक गहलोतनरेंद्र मोदीकांग्रेसराजस्थानभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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